उदयपुरPublished: May 26, 2023 01:32:04 pm
Nupur Sharma
मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय में प्राकृत, पालि व जैन साहित्य शिक्षा का बड़ा केन्द्र जल्द तैयार होगा।
उदयपुर। मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय में प्राकृत, पालि व जैन साहित्य शिक्षा का बड़ा केन्द्र जल्द तैयार होगा। देश का यह पहला ऐसा केन्द्र होगा, जहां इन तीनों भाषाओं की स्नातकोत्तर स्तर की ना केवल पढ़ाई हो सकेगी, बल्कि इसमें इन विषयों से जुडे़ विश्व स्तरीय आयोजन व शोध भी होंगे, ताकि इन विषयों से जुड़ी संस्कृति को संजोया जा सके। इसका नाम ग्लोबल इंस्टिट्यूट ऑफ जैनोलॉजी एंड प्राकृत रखा गया है। गत 22 मई को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसकी नींव डाली है। देश में वैदिक एवं श्रमण संस्कृति का सनातन काल से निकटतम संबंध रहा है, इसलिए श्रमण संस्कृति का समस्त धार्मिक साहित्य एवं भगवान महावीर के उपदेशों की भाषा भी प्राकृत रही है।