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घिनौना कृत्य पर भी एसपी की मॉनटरिंग नहीं

locationउदयपुरPublished: May 20, 2023 10:16:22 pm

Submitted by:

Mohammed illiyas

घिनौना कृत्य पर भी एसपी की मॉनटरिंग ही नहीं

Jabalpur high court

Jabalpur high court

मोहम्मद इलियास/उदयपुर

पोक्सो अधिनियम से जुड़े मामलों में आरोप पत्र देरी से पेश होने व बहानेबाजी करने पर पोक्सो-1 न्यायालय के पीठासीन अधिकारी ने अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस (अपराध) जयपुर को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने जिला पुलिस अधीक्षक की ओर से पोक्सो संबंधी प्रकरणों की प्रभावी मॉनिटरिंग नहीं करने का उल्लेख किया है। जिसकी प्रति पुलिस अधीक्षक को भी भेजी गई है।
दरअसल कोर्ट ने 28/2023 सरकार बनाम योगेश सिंह उर्फ योगेन्द्र प्रकरण में आरोप पत्र देरी से प्रस्तुत होने पर पोक्सो अधिनियम में पंजीबद्ध समस्त प्रकरणों की सूचना मांगी थी कि ऐसे कितने प्रकरण हैं, जिनमें दो माह में अनुसंधान पूर्ण होकर आरोप पत्र पेश नहीं हुए। इस पर पुलिस अधीक्षक ने सूची पेश करने के साथ ही कुछ प्रकरणों की संख्या लिखते हुए स्पष्ट किया कि इनमें नतीजा तैयार कर दिया, लेकिन वकीलों व कर्मचारियों की हड़ताल से पेश नहीं किया।

एसपी ने जो कारण बताए, वे झूठे व निराधार
न्यायालय ने जवाब में लिखा कि वकीलों एवं कर्मचारियों की हड़ताल ज्यादा से ज्यादा एक-एक माह तक रही और उस अवधि में भी न्यायालय को आरोप पत्र प्राप्त हुए, प्रसंज्ञान लेने आदि का कार्य नियमित रूप से जारी रहा। कर्मचारियों की हड़ताल के समय तो न्यायालय द्वारा गवाह के बयान भी अभिलिखित किए गए। इसलिए जो कारण आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत नहीं किए जाने के संबंध में बताए गए, वे पूर्णतया झूठे व निराधार हैं।

दो-दो साल तक आरोप पत्र पेश नहीं कर रहे
कोर्ट ने एडीजी को लिखा कि पुलिस अधीक्षक को इस संबंध में मॉनटरिंग करते हुए विहित समयावधि में नतीजा न्यायालय में प्रस्तुत करवाना सुनिश्चित करना चाहिए था, लेकिन जो कारण उनके द्वारा सूची में दर्शाए गए हैं, उससे स्पष्ट है कि उनके द्वारा प्रभावी मॉनिटरिंग नहीं की जा रही। पत्र में लिखा कि अनुसंधान अधिकारियों द्वारा धारा 173 (1) (क) दप्रस के प्रावधानों की खुली अवहेलना की जा रही है और 2 माह में अनुसंधान पूर्ण कर आरोप पत्र पेश करना तो दूर दो-दो साल बाद भी आरोप पत्र न्यायालय में पेश नहीं किए जा रहे हैं।
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