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इस बार राजस्थान में गर्मी ने नए रेकॉर्ड कायम किए हैं। प्रचंड गर्मी ने पेड़-पौधों का महत्त्व भी समझा दिया है। ऐसे में मानसून के दौरान अधिक से अधिक पौधे लगाने और राजस्थान में पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा विभाग ने यह जिम्मेदारी स्कूली बच्चों को सौंपी है। इसके तहत स्कूली छात्रों को पढ़ाई के साथ-साथ पौधारोपण करना अनिवार्य होगा। इस सघन पौधरोपण अभियान में बच्चों के साथ अधिकारी, संस्था प्रधान और शिक्षक भी भूमिका निभाएंगे।
पर्यावरण संरक्षण की पहल करते हुए शिक्षा विभाग ने प्रत्येक जिले के स्कूलों को पौधरोपण के लिए लक्ष्य रखा है। इसे पूरा करने के लिए संस्था प्रधानों की भूमिका अहम होगी। कक्षा 1 से 5 तक के विद्यार्थियों को एक-एक पौधा लगाना है, जबकि कक्षा 6 से 12 तक के विद्यार्थियों को उनके परिवार के सदस्यों की संख्या के अनुसार पौधे लगाने की जिम्मेदारी होगी। किस स्कूल के विद्यार्थियों ने कितने पौधे लगाए हैं, उसकी समीक्षा होगी। उदयपुर के मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी की ओर से इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारियों से लेकर संस्था प्रधानों आदि को जिम्मेदारियां दे दी गई है। अभिभावकों को भी इस मुहिम से जोड़ा जाएगा।
प्रत्येक आंगनबाड़ी को न्यूनतम 10 पौधे लगाने हैं। 3 फीट से अधिक ऊंचाई वाले पौधे लगाने होंगे। विद्यालय स्थल की गूगल मैप की फोटो लेनी है। 30 जून तक पौधे के लिए स्थान तय करना होगा। प्रत्येक अधिकारी, शिक्षक व कर्मचारी को 5 पौधे लगाने होंगे। 15 जुलाई से 15 अगस्त तक पौधे लगाने हैं और 15 सितंबर को पौधरोपण की समीक्षा की जाएगी। प्रदेश में वर्तमान में सरकारी विद्यालयों में करीब 80 लाख बच्चे पढ़ रहे हैं और 4 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है, जबकि उदयपुर में करीब 4,23317 बच्चे पढ़ रहे हैं तो 8 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य दिया गया है। इसी तरह हर जिले को अलग-अलग लक्ष्य दिया गया है।
उदयपुर जिले को 8 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य दिया गया है। इसके तहत स्थानों का चयन जैसे स्कूल परिसर, खेल मैदान, गांव के सार्वजनिक स्थानों पर सरपंच से समन्वयन करके किया गया है। इस कार्य में निजी विद्यालयों का भी सहयोग लिया जाएगा, उनको डेढ़ लाख पौधों का लक्ष्य दिया गया है। इसके लिए निजी विद्यालयों के साथ बैठक की जाएगी। इसके अलावा जिले के 14 ब्लॉक्स की जिम्मेदारी प्रत्येक जिला स्तर के शिक्षा अधिकारी को दी गई है। शहर की 45 नर्सरियों के सहयोग से पौधे उपलब्ध कराना, गड्ढे खुदवाना आदि का कार्य किया जाएगा। विभाग की ओर से इस पूरे अभियान के लिए सीआरसी ग्रांट का उपयोग किया जाएगा।
Published on:
23 Jun 2024 09:32 pm
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