
सिंघटवाड़ा क्षेत्र में पहुंचे एडीएम ओपी बुनकर व प्रशासनिक अधिकारी।
मुकेश हिंगड़
उदयपुर. इंसानों पर हमले और जनहानि करने वाले पैंथर को पकडऩे के लिए वन विभाग ने सारे ताम-झाम कर दिए लेकिन पैंथर इतना शातिर निकला कि वहं ऐसे स्थानों पर अभी तक दिखा भी नहीं। पैंथर का मूंमेंट नहीं होने से चिंता बढ़ी है क्योंकि पैंथर तक पहुंचने के लिए सारे प्रयास किए गए लेकिन वह दिख ही नहीं रहा है। विशेषज्ञ भी मानते है कि पैंथर का मूमेंट भी दूसरी तरफ हो गया है इसलिए अभी तक नजर नहीं आया। इधर, जिला प्रशासन की टीम भी मौके पर पहुंची और पूरे हालात की जानकारी ली।
केवड़ा वन नाका के सिंघटवाड़ा क्षेत्र में पैंथर के घरों में आकर इंसानों पर हमला करने की बढ़ी घटनाओं के बाद वहां पर बड़े स्तर पर ऑपरेशन चलाने के लिए टीमें लगाई और पैंथर को देखने के लिए तकनीक का भी पूरा उपयोग किया जा रहा है लेकिन पैंथर जब तक उस क्षेत्र में आए नहीं तब तक कोई परिणाम नहीं मिल रहा है। वन विभाग ने कैमरा ट्रेप से लेकर पिंजरे लगा दिए लेकिन जो उम्मीद थी उसके अनुसार मिला कुछ नहीं। अधिकारियों का मानना है कि करीब 25 किलोमीटर क्षेत्र में पैंथर ने मूमेंट का स्थान ही बदल दिया इसलिए इतने दिनों में अभी तक नजर नहींआया।
मंगलवार को अतिरिक्त जिला कलक्टर ओपी बुनकर भी वहां पहुंचे, उन्होंने जिन स्थानों पर दो महिलाओं की मौत हुई वहां भी गए और इसके अलावा आसपास के क्षेत्र का दौरा किया। वहां पैंथर को पकडऩे के लिए किए गए प्रयासों की जानकारी ली। उनके साथ सराड़ा एसडीएम सुभाष हेमानी, तहसीलदार रवीन्द्र सिंह, सहायक वन संरक्षक कन्हैयालाल शर्मा, क्षेत्रीय वन अधिकारी सुरेन्द्र सिंह आदि साथ थे।
जयपुर से आकर वापस लौटे वरिष्ठ चिकित्सक अरविंद माथुर बताते है कि वहां पूरे प्रबंध किए गए लेकिन पैंथर अभी कैमरा ट्रेप में ही नहीं आया। वे बताते है कि पैंथर का मूमेंट इस जंगल में दूसरी जगह भी हो सकता है। वे कहते है कि जब तक पैंथर दिखेगा नहीं और पकड़ में नहीं आएगा तब तक कुछ कह नहीं सकते है।
10 पिंजरे लगा रखे
12 कैमरा ट्रेप लगाए
03 शूटर तैनात
04 जनों की जान जा चुकी
15 अब इंसान घायल हो चुके
खेत की बाड़ में फंसा पैंथर
इधर, मावली क्षेत्र के रानी कला गांव में एक पैंथर को रेस्क्यू किया गया। पैंथर के खेत की बाड़ में फंसे होने की सूचना वन विभाग को मिली। उप वन संरक्षक अजीत ऊंचोई ने वन्यजीव की रेस्क्यू टीम भेजी। उडऩदस्ता प्रभारी लालसिंह सोलंकी, शूटर डीपी शर्मा, शैलेन्द्र सिंह की मदद से पैंथर को वहां से रस्क्यू किया। बाद में उसका उसको जंगल में छोड़ दिया गया।
इधर, मोड़ी में फिर आ गया पैंथर
इधर, वल्लभनगर उपखण्ड क्षेत्र की ग्राम पंचायत मोड़ी में एक बार फिर से पैंथर आ धमका। मोड़ी निवासी पशुपालक कजोड़ी मल खटीक के घर के पीछे पशुओं को बांधने के लिए बने बाड़े की करीब 15 फीट ऊंची दीवार को फांद कर पैंथर ने बकरी का शिकार कर लिया।
Updated on:
07 Jul 2021 09:42 am
Published on:
07 Jul 2021 09:28 am
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