इधर, अस्पताल प्रबंधन ने परिसर में खड़े रहने वाले अनाधिकृत समस्त वाहन और एम्बुलेंस को बाहर निकलवाने के लिए पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखा है। वहीं प्री-पेड व्यवस्था को सुचारू करने पर मंथन चल रहा है। गौरतलब है राजस्थान पत्रिका ने 3 दिसम्बर को ‘एमबी अस्पताल में निजी एम्बुलेंस संचालकों की दादागिरी…मिलीभगत से चल रही, अधिकांश कंडम’। ‘कार्रवाई शून्य, गेट और कार्डियोलॉजी के बाहर खड़ी निजी एम्बुलेंस’ शीर्षक से सिलसिलेवार खबरें प्रकाशित की थी। जिसके बाद पुलिस, परिवहन और चिकित्सा विभाग की टीमों का गठन कर छापा मारते हुए समस्त एम्बुलेंस के खिलाफ कार्रवाई की। दूसरे दिन परिवहन विभाग के निरीक्षक सैयद शकील अली, यातायात निरीक्षक सुनील चारण व हाथीपोल थाना पुलिस के जाप्ते ने अस्पताल परिसर में एम्बुलेंस की जब्ती व चालान की कार्रवाई की।
कई गाड़ियां तो चलने योग्य भी नहीं
किसी भी गाड़ी का बीमा और फिटनेस नहीं होता है तो वह गाड़ी सडक़ पर चलने योग्य भी नहीं होती है, लेकिन अस्पताल में मिलीभगत से ऐसी कई गाड़ियां चलती मिली, जिनके कागज ही नहीं थे। फिटनेस और बीमा के अलावा किसी का रजिस्ट्रेशन नहीं था तो किसी की बॉडी पूरी खराब थी। यूपी, एमपी और गुजरात नम्बर की गाडिय़ां तो वहां अनाधिकृत रूप से खड़ी मिली। टीम ने समस्त एम्बुलेंस कागजों की जांच में कमियां मिलने पर उनके चालान काटे हैं। अब फिट होने के बाद ही यह गाड़ियां परिवहन विभाग इन्हें चलाने की स्वीकृति देगा।