
बर्ड विलेज से साइबेरिया नहीं लौट पाया पेलीकन
मेनार.(उदयपुर). जिले के पक्षी विहार नाम से प्रख्यात मेनार के धण्ड तालाब पर सर्दियों के दिनों में अक्टूबर नवम्बर माह में हजारों प्रवासी परिन्दे प्रवास पर आते है और सर्दियां बिताकर गर्मी की शुरुआत से पहले मार्च अप्रैल में ये पुन: अपने मूल निवास की ओर उड़ान भर लेते हैं। दर्जनों प्रजातियों के इन परिंदों में 100 से अधिक पेलिकन (हवासील) पक्षियों का समूह भी धण्ड तालाब पर आया था जो मार्च महीने के अंत तक पुन: लौट गया । लेकिन इनमें से एक पेलिकन पक्षी यहीं रह गया। जो अभी भी धण्ड तालाब पर ही है। अमूमन गर्मी से पहले चले जाने वाला ये पक्षी 40 डिग्री तापमान में भी यहीं मौजूद हैं इसके यहां रुकने का मुख्यत: कारण तो मालूम नहीं हो पाया है लेकिन अक्सर समूह में रहकर शिकार करने वाला ये पक्षी अकेला मायूस सा तालाब के किनारे और मध्य में तैरता हुआ नजर आ रहा है। इसके सभी साथी अपने मूल स्थान पर चले गए लेकिन ये बीच मझधार में फंस गया है।
माइग्रेशन के समय घायल होने की संभावना
पक्षी मित्रों के अनुसार जब इसके साथी पक्षियों का समूह अपने मूल स्थान के लिए उड़ा होगा तब ये घायल या बीमार होगा। इस कारण अपने साथियों के साथ नहीं उड़ पाया और यहीं रह गया।
& जब इनका माइग्रेशन शुरू हुआ होगा तब इसे शारीरिक बीमारी या कोई क्षति रही होगी। बीमारी या क्षति होने के कारण ये नहीं उड़ पाया होगा। ये कौतूहल का विषय रहेगा कि आने वाले समय में अकेला उड़ेगा या यहीं रहेगा। क्योंकि ये पक्षी जब उड़ते हैं तो झुंड़ बनाकर उड़ते हैं और इस अकेले पक्षी के लिए ये संभव नहीं होगा। ये पक्षी हवा के दबाव को कम करने के लिए विमानों की तरह झुंड बनाकर उड़ते हैं। अगर ये रुकता है तो अनोखी बात होगी। वहीं ये ग्रुप हंटर है इसलिए इसे भोजन तलाशने में भी इतनी ज्यादा आसानी नहीं होगी। इसका जीवन अब इतना आसान भी नहीं।
डॉ. सतीश शर्मा, वन्यजीव विशेषज्ञ उदयपुर
Published on:
06 Jul 2021 06:01 pm
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