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पेराफेरी पंचायतों के लोगों को परिवहन सेवा भी नहीं मिल पा रही पूरी

नाममात्र की चल रही सिटी बसें, निगम सीमा में नहीं होने का झेल रहे दंश

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Chhattisgarh news

उदयपुर. उदयपुर शहर सीमा करीब 20 किलोमीटर के दायरे में फैल चुकी है लेकिन पंचायतों के तमगे के कारण अभी भी वहां परिवहन सेवा पूरी तरह से नहीं पहुंच पार्ई। आसपास की पेराफेरी की पंचायतों के लोग आज भी निजी व भाड़े के वाहनों पर ही निर्भर है। शहरी क्षेत्र में होने के बावजूद लोग पंच, सरपंच को अपनी समस्याओं से अवगत करवा रहे हैं, लेकिन उनकी भी प्रशासन तथा जनप्रतिनिधि नहीं सुनते। यहीं कारण है कि शहर के विस्तारीकरण के बावजूद इन पेराफेरी पंचायतों के लोग आज भी परिवहन सेवा को तरस रहे हैं। सर्वाधिक परेशानी इमरजेंसी सेवा के दौरान हो रही है। शहरी की निगम सीमा क्षेत्र शामिल नहीं होने का दंश यह लोग भुगत रहे हैं।

राजस्थान पत्रिका टीम ने पेराफेरी की इन पंचायतों के लोगों से बातचीत की तो पता चला कि जो पंचायतें पूरी तरह से शहर में आ चुकी है निश्चित रूप से इन पंचायतों को निगम क्षेेत्र में शामिल किया जाना चाहिए और उनमें विकास के साथ ही परिवहन सेवा उपलब्ध करवाई जानी चाहिए।

नाममात्र की सिटी बसें

अभी शहर व उसकी आसपास की पेराफेरी में परिवहन के नाम पर सिर्फ 24 सिटी बसें चल रही है। ये बसें भी आधी पंचायतों में ही जा रही है। इन पंचायतों के लोगों को इन बसों की सेवा लेने के लिए भी घंटों इंतजार करना पड़ता है, जबकि पंचायतों के मध्यम परिवार के लोगों को गांव से शहर के सार्वजनिक व निजी अस्पताल के लिए आना पड़ता है। सिटी बसों में वे लोग महज 10 से 30 रुपए में सफर कर लेते हैं, लेकिन भाड़े के वाहनों में उन्हें 300 से 500 रुपए चुकाने पड़ते हैं।


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