
यंू तो स्थापना के बाद से ही शहरवासियों सहित सैलानियों के लिए हर साल कुछ न कुछ नया करने के जतन होते रहे लेकिन, पिछले दो-तीन साल में स्क्रीनिंग सेन्टर दृश्यम, बंजारा रंगमंच, पाषाण निर्मित वाद्ययंत्र, लोकनृत्य दर्शाती कांस्य प्रतिमाएं और दर्पण सभागार को वातानुकूलित कर होल्डिंग एरिया की परिकल्पना के अलावा पूरे परिसर में सुरक्षा के मद्देनजर सीसीटीवी लगाए जाने से शहर से यहां परिजनों और मित्रों संग आने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि उत्साहजनक है।

लुभाएंगी लोक कलाएं: हाट बाजार में ही आगंतुकों को शिल्पग्राम के विभिन्न थड़ों पर लोक प्रस्तुतियां निहारने का अवसर मिलेगा। जहां, कच्छी घोड़ी, चकरी, मांगणियार, कथौड़ी, बेड़ा रास, गैर, बोहाड़ा, सहरिया स्वांग, मशक वादन, बहुरूपिया, कठपुतली, जादूगर, नगाड़ा वादन, तेजाजी, वसावा, धनगरी गजा आदि प्रस्तुतियां होंगी।






