
उदयपुर . स्कूली खेल प्रतिभाओं का उत्साह परवान पर है। जज्बे के साथ वे मैदान मार रहे हैं। कदम मैदान पर है और आंखों में आगे बढऩे का लक्ष्य साफ नजर आ रहा है। स्कूल स्तर पर खिलाडिय़ों को तलाश कर तराशने के लिए हिंदुस्तान जिंक और पत्रिका इन एजुकेशन (पाई) के संयुक्त तत्वावधान में चल रहे स्कूल ओलंपिक के पांचवें दिन शनिवार को भी हर खेल में प्रतिभागियों का उत्साह आसमान छूता नजर आया।
बीएन ग्राउण्ड पर हुई खेलकूद स्पर्धाओं में बालक-बालिकाओं का उत्साहवर्धन करने पहुंचे उनके मित्रों, परिजनों और समर्थकों ने मैदान में डेरा जमाकर जोश बढ़ाया। कुछ ऐसे ही नजारे गांधी ग्राउण्ड, लव कुश स्टेडियम और डीपीएस प्रांगण में देखे गए जहां शतरंज, एथेलेटिक्स, फुटबॉल और वॉलीबॉल मुकाबले खेले गए। ज्यों-ज्यों दिन बीत रहे हैं, खिलाडिय़ों में व्यक्तिगत उपलब्धियों के साथ स्कूल स्तर पर पदकों की होड़ में आगे निकलने का जुनून बढ़ता दृष्टिगत होने लगा है।
स्कूल ओलंपिक खेल महाकुंभ जैसा
स्कूल ओलंपिक के प्रयास इतने कामयाब और सार्थक रहेंगे, कभी सोचा न था। बहरहाल, सफल आयोजन के लिए बधाई। इस बहाने हर स्कूल से विभिन्न खेल प्रतिभाएं निकल कर सामने आईं। स्कूल ओलंपिक तो खेलों के महाकुंभ जैसा है।
- डॉ. जोगेन्द्र सिंह, प्रिंसिपल, फिजिकल एजुकेशन, पैसिफिक
आमतौर पर जूडो जैसे खेल से जुड़े खिलाड़ी को जिले और संभाग के सभी विद्यालयों के साथ इतने बड़े आयाोजन की भागीदारी नहीं मिलती है। इसके अलावा भी अन्य खेलों के तमाम प्रतिभागी इस बेहतर अवसर के लिए पत्रिका को दिल से बधाई देते हैं।
- डॉ. हिमांशु राजोरा, जूडो प्रशिक्षक
टीवी पर अनेक खेलों के मैच अक्सर देखते हैं। अखबारों में स्थानीय खेलकूद प्रतियोगिताओं से लेकर राज्य स्तरीय और देश-विदेश की कवरेज भी देखते पढ़ते रहे हैं। पहली बार कोई मीडिया ग्रुप स्कूल स्तर पर इतना बड़ा आयोजन कर रहा है। इसके लिए पत्रिका की जितनी सराहना की जाए, कम है।
- यश आनंद, रॉकवुड स्कूल
इतनी सारी स्थानीय स्कूली खेल प्रतिभाएं तो पहले कभी किसी आयोजन में एकत्र नहीं हुईं। पत्रिका का यह प्रयास तारीफ के काबिल है। गांव-कस्बों की खेल प्रतिभाओं को भी बड़ा मंच दिया है। इससे खेल प्रतिभाओं का आत्मविश्वास बढ़ेगा और उन्हें आगे बढऩे की राह भी मिलेगी।
- नेहा चौहान
Updated on:
25 Nov 2017 04:15 pm
Published on:
25 Nov 2017 03:53 pm
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