
उदयपुर . महाराणा प्रताप का नाम आते ही उनसे जुड़े एेतिहासिक स्थलों का भी जिक्र होता है। इनमें सबसे पहले प्रताप की रणभूमि हल्दीघाटी, चावण्ड, गोगुन्दा व मायरा की गुफा आदि प्रमुख हैं, लेकिन राज्य सरकार के लिए संघ की ओर से बनाया गया प्रताप गौरव केन्द्र अहम है। यह स्थल न तो एेतिहासिक है, न राष्ट्रीय स्मारक या प्रताप के जीवन से जुड़। मगर राज्य सरकार ने प्रदेश के समस्त राजकीय महाविद्यालयों के विद्यार्थियों को इस वर्ष उपलब्ध करवाए गए बजट से प्रताप गौरव केन्द्र दिखाने के निर्देश दिए हैं। आयुक्तालय कॉलेज शिक्षा की संयुक्त सचिव डॉ वंदना चक्रवर्ती ने सोमवार को एक सभी सरकारी कॉलेजों को जारी आदेश में प्रताप गौरव केन्द्र दिखाने के लिए शैक्षणिक भ्रमण मद के सरकारी बजट तक को खर्च करने की अनुमति दी है।
दूसरी ओर, प्रताप से जुड़े प्रमुख एेतिहासिक स्थलों की सार-संभाल की ओर सरकार ने ध्यान नहीं दिया है। चावण्ड स्थित प्रताप का समाधि स्थल, मायरा की गुफा तक पर्यटक नहीं पहुंच पाते हैं। साथ ही प्रदेश के राजकीय महाविद्यालयों में पढऩे वाले विद्यार्थियों को इन स्थलों के बारे में पूर्ण जानकारी नहीं है। एेसे में प्रताप से जुड़े एेतिहासिक स्थलों के बजाय सालभर पहले बने प्रताप गौरव केन्द्र घुमाने पर पैसा खर्च करना कहां तक उचित है। साथ ही प्रताप गौरव केन्द्र के भ्रमण के लिए शुल्क लिया जाता है जबकि इन स्थलों पर कोई शुल्क नहीं है।
वहां इतिहास, केन्द्र पर सिर्फ जानकारी
सरकार ने विद्यार्थियों में संस्कृति, संस्कार, पर्यटन, इतिहास संबंधी ज्ञानवद्र्धन, देशभक्ति, वीरता एवं कर्तव्य भावना विकसित करने को आधार बनाया है। केन्द्र पर आने से विद्यार्थियों को महाराणा प्रताप से जुड़ी जानकारी जरूर उपलब्ध हो पाएगी, लेकिन एेतिहासिक चीजें नहीं देखने को मिलेगी। इसके बदले सरकार अगर मोती मगरी, हल्दीघाटी, चावण्ड, गोगुन्दा, मायरा की गुफा आदि एेतिहासिक स्थलों के दर्शन करवाए तो विद्यार्थी प्रताप की वीरता से जुड़े वास्तविक इतिहास से रूबरू हो सकेंगे।
संघ की विचारधारा थोप रही सरकार
राज्य सरकार प्रदेश के विद्यार्थियों पर संघ की विचारधारा थोपना चाहती है। प्रदेश व उदयपुर संभाग में महाराणा प्रताप से जुड़े कई एेतिहासिक स्थल है, वहां पर विद्यार्थियों को भ्रमण करवाया जा सकता है। मगर सरकार संघ के प्रताप गौरव केन्द्र का शैक्षणिक भ्रमण करवाकर संघ की विचारधारा को आगे बढ़ाना चाहती है।
डॉ. अर्चना शर्मा, मीडिया चेयरपर्सन, राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी
संघ के हितों की पूर्ति के लिए न हो खर्च
सरकारी पैसे को किसी राजनीतिक महत्वकांक्षा रखने वाले संगठन के हितों की पूर्ति के लिए खर्च नहीं करना चाहिए। सरकार के अधिकतर निर्णय राजनीतिक हित को देखते हुए किए गए हैं। प्रताप गौरव केन्द्र कोई पर्यटन स्थल नहीं है। इसमें इतिहास को संघ के हिसाब से बताया गया है। विद्यार्थियों को वास्तविक एेतिहासिक स्थल दिखाए जाने चाहिए। मेवाड़ कॉम्पलेक्स पर पैसा खर्च करना चाहिए। साथ ही केन्द्र में राज्य सरकार का भी पैसा लगा है। अत: प्रवेश नि:शुल्क करना चाहिए।
प्रो. हेमेन्द्र चंडालिया, व्याख्याता
Updated on:
24 Oct 2017 01:24 pm
Published on:
24 Oct 2017 01:23 pm
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