25 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

स्वास्थ्य सेवा के नाम पर चिकित्सा विभाग कर रहा है इन ग्रामीणों को ‘गुमराह

prathmik swasthya kendra मेल नर्स के भरोसे है पड़ावली खुर्द प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सायरा से तीन माह पहले लगाया चिकित्सक भी औपचारिकता तक सीमित, प्रसूताओं को नहीं मिल रहा रहा चाय-नाश्ता, कलेवा के नाम पर दिया जा रहा है 20 ग्राम हलवा

2 min read
Google source verification
स्वास्थ्य सेवा के नाम पर चिकित्सा विभाग कर रहा है इन ग्रामीणों को 'गुमराह

स्वास्थ्य सेवा के नाम पर चिकित्सा विभाग कर रहा है इन ग्रामीणों को 'गुमराह

उदयपुर/ झाडा़ेल. prathmik swasthya kendra स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर उदयपुर का चिकित्सा महकमा भले ही खुद की कितनी पीठ थपथपा ले, लेकिन सच यही है कि सरकारी सुविधा के नाम पर भोले-भाले ग्रामीणों को महज 'गुमराहÓ किया जा रहा है। अन्य ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों के बाद पत्रिका ने गोगुंदा उपखण्ड क्षेत्र स्थित पड़ावली स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की टोह ली तो ग्रामीण स्वास्थ्य के नाम पर महकमे के ओहदेदारों की जिम्मेदारी वाली कलई खुल गई। कहने को लोगों की सुविधा के लिए पीएचसी में दो चिकित्सक पद स्वीकृत हैं, लेकिन तस्वीर इसके उलट है। यहां दोनों ही चिकित्सक पद रिक्त हैं। दिखावे के लिए करीब तीन माह पहले विभाग ने प्रतिनियुक्ति पर एक चिकित्सक को यहां लगाया है, जिसकी मर्जी के मुताबिक सेवाएं देने की चर्चाएं जोरों पर हैं। एक मात्र मेल नर्स है, जो उसकी जिम्मेदारी समझकर लोगों को दवाइयां लिखने से लेकर अन्य सेवाएं दे रहा है। नियमों के विपरीत दी जा रही मेल नर्स की सुविधा से ग्रामीणों के भविष्य पर अनदेखा संकट मंडरा रहा है।

अस्तित्व के आईने से
स्वास्थ्य केंद्र का नाम: पीएचसी पड़ावली कलां
स्थापना तिथि: 16 फरवरी 1993
पेराफेरी की ग्राम पंचायतें: अम्बावा, पड़ावली खुई, पड़ावली कलां, मादड़ा, वास, वीरपुरा, समीजा आदि।
दूरस्थ गांव: थल व सुरजाबांरा (18 किमी दूर पहाड़ी क्षेत्र)
चिकित्सकों की स्थिति: दो स्वीकृत पद, दोनों खाली
वर्तमान हाल: प्रतिनियुक्ति पर एक चिकित्सक
प्रसाविका: 6 स्वीकृत पद, 4 सेवारत
केंद्र के अधीन उपस्वास्थ्य केंद्र: 06
प्रतिदिन की ओपीडी: 50 से 70
हर माह का ओपीडी औसत: 35 से 40
मासिक औसत प्रसव: 35 से 40

योजना का हलवा
पड़ताल के दौरान ही सामने आया कि स्वास्थ्य केंद्र पर आने वाली गर्भवतियों के लिए चाय-नाश्ते जैसी सुविधाओं का अभाव है। दिखावे के लिए कलेवा योजना के तहत प्रसूता को सुबह के समय 50 ग्राम हलवा दिया जाता है। इसके अलावा सुविधा के नाम पर सन्नाटा पसरा रहता है।

तो तय करेंगे कार्रवाई
कलेवा योजना में नाश्ता, भोजन व दूध देने का प्रावधान है। गैरजिम्मेदारी एजेंसी को हटाने की कार्रवाई चल रही है। स्वीकृत पद वाले दो चिकित्सक पीजी करने गए हैं। prathmik swasthya kendra प्रतिनियुक्ति वाला चिकित्सक प्रतिदिन आ रहा है। ऐसा नहीं है तो विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. ओम प्रकाश रायपुरिया, बीसीएमओ, गोगुंदा


बड़ी खबरें

View All

उदयपुर

राजस्थान न्यूज़

ट्रेंडिंग