
उदयपुर में सभी कल तक जिन्हें माला पहना रहे थे आज उनके फोटो पर ही पोत दी कालिख, ये है वजह
मोहम्मद इलियास/ उदयपुर- हाईकोर्ट बैंच की मांग पर महज सरकार के आश्वासन पर ही पूर्व विधानसभा अध्यक्ष शांतिलाल चपलोत द्वारा अनशन तोड़ने पर दो गुटों में बंट गए। एक गुट प्रतिनिधि मण्डल लेकर मुख्यमंत्री से वार्ता के लिए जाने की तैयारी कर रहा है तो दूसरा गुट इसे जनता का अपमान और मान मर्यादा का प्रश्न बताते हुए विरोध प्रदर्शन कर रहा हैं।
विरोधी गुट ने शुक्रवार सुबह धरना स्थल पर लगे बैनर - पोस्टर फाड़ दिए तथा एक पोस्टर पर लगे शांतिलाल चपलोत के फोटो पर कालिख पोत दी। सुबह अधिवक्ता न्यायालय परिसर में एकत्रित हुए और उनमें आमरण अनशन को लेकर अलग-अलग वार्ता हुई। कुछ ने सीएम के बुलावे का समर्थन किया तो कुछ ने महज कार्रवाई के आश्वासन पर ही अनशन तोड़ने को छलावा बताया। अधिवक्ताओं के मुंह अलग-अलग बातें हो रही थी।
इससे पूर्व गुरूवार देर रात नगरीय विकास मंत्री श्रीचंद कृपलानी ने मुख्यमंत्री के बुलावे का निमंत्रण पत्र देते हुए कहा था कि उदयपुर में हाईकोर्ट बैंच के लिए सरकार का सकारात्मक रूख है। वार्ता में कुछ अच्छे परिणाम सामने आयेंगे इसलिए आमरण अनशन को तोड़कर मेरे साथ वार्ता के लिए जयपुर चले। देर रात अधिवक्ताओं ने निर्णय लेकर मंत्री की बात मान ली और अधिवक्ताओं ने आमरण अनशन पर बैठे चपलोत का अनशन तुड़वाया। सुबह होते-होते कई अधिवक्ता मेवाड़ की प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाकर विरोध प्रदर्शन पर उतर आएं।
गौरतलब है कि उदयपुर में हाईकोर्ट ब्रांच की मांग को लेकर 36 साल से अधिवक्ता आंदोलनरत है। पिछले एक माह से लगातार न्यायालय द्वार पर क्रमिक अनशन व धरना चल रहा है। इस अनशन में इस बार शहर की जनता सामाजिक संगठन विभिन्न संस्थाएं शामिल हुए।
Published on:
18 May 2018 12:44 pm
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