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प्रदेश के कॉलेजों में तीन दशक बाद होगी पीटीआई व लाइब्रेरियन की भर्ती

- राजस्थान में 1992 के बाद अब निकली भर्ती - - काॅलेज शिक्षा में व्याख्याता शारीरिक शिक्षा का नया केडर

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राजस्थान में 1992 के बाद अब निकली भर्ती

कॉलेज शिक्षा में 1992 के बाद अब शारीरिक शिक्षक व लाइब्रेरियन के पदों पर भर्तियां हो सकेगी। सरकार ने इसकी तैयारी कर ली है। पीटीआई के 247 और लाईब्रेरियन के भी 247 पदों पर भर्ती के लिए कॉलेज शिक्षा विभाग ने नियम जारी कर दिए हैं। कैबिनेट से अनुमोदन के बाद अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। खास बात ये है कि कॉलेज एजुकेशन में अब व्याख्याता शारीरिक शिक्षा का नया केडर बन गया है।

जानकारी के अनुसार पुस्तकालयाध्यक्ष एवं शारीरिक प्रशिक्षण अनुदेशक के पद पर भर्ती के साथ ही पदोन्नति नियम भी बनाए गए हैं। इसके तहत निदेशक या आयुक्त, महाविद्यालय शिक्षा की ओर से प्रत्येक वर्ष ऐसे पात्र अभ्यर्थियों, जो नियमों में पदोन्नति का मानदण्ड पूर्ण करते हों, उनकी एक सूची तैयार की जाएगी। इसके लिए गठित की गई समिति द्वारा यह कार्य किया जाएगा। समय-समय पर करियर उन्नति स्कीम के लिए तय मानदण्ड और कार्यविधि लागू होगी। वार्षिक कार्य मूल्यांकन रिपोर्ट और पदोन्नतियों से संबंधित कार्मिक विभाग द्वारा समय-समय पर संशोधित, मानक भी समिति द्वारा निर्धारण होगी।

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समस्त महाविद्यालयों में राष्ट्रीय निर्धारण प्रत्यायन परिषद् (एनएएसी) मार्गदर्शक सिद्धांत के अनुसार अध्यक्ष के रूप में प्राचार्य सहित आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन सैल (आईक्यूएसी) स्थापित होगी। जो मानदण्ड के अनुसार यह कार्य पूर्ण करेगी।

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राजस्थान शारीरिक शिक्षक संघ के प्रदेश महामंत्री भैरूसिंह राठौड ने बताया कि कॉलेज व्याख्याता का केडर बनने से लाभ मिलेगा। पहले केडर नहीं बनाया गया था, प्रत्येक कॉलेज में अब शारीरिक शिक्षक लगाया जा सकेगा। कई बेरोजगार ऐसे हैं, जिन्होंने एमपीएड व एमए इन फिजिकल एजुकेशन की पढ़ाई कर रखी है, अब उन्हें अवसर मिलेगा।

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प्रभावित हो रही थी खेल गतिविधियां

सरकारी कॉलेजों में शारीरिक शिक्षकों के नहीं होने से खेल गतिविधियां प्रभावित हो रही थी। ज्यादातर विवि में फिजिकल डायरेक्टर नहीं होने से खेलों के विकास गति नहीं पकड़ पा रहे थे। खास बात ये है कि कॉलेजों में शारीरिक शिक्षा को एच्छिक विषय के रूप में लागू किया हुआ है, लेकिन विषय अध्यापकों की भर्ती नहीं होने से इसका कोई लाभ विद्यार्थियों को नहीं मिल पा रहा था। राज्य सरकार की वर्ष 2009-10 की बजट घोषणा में प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में 72 खेल शिक्षकों के भर्ती की घोषणा की गई थी, लेकिन वह अब तक पूरी नहीं हो पाई।

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यह है असल हाल- राजस्थान के 408 कॉलेजों में मात्र 24 शिक्षक वर्तमान में कार्यरत हैं, जबकि शेष 384 में यह पद रिक्त हैं, इन पदों पर भर्ती के लिए नेट, स्लेट जैसी योग्यता परीक्षाएं अर्से से नहीं हो पाई।

- कॉलेजों में वार्षिक खेल गतिविधियों में कोच व रैफरी सहित अन्य इंतजाम वैकल्पिक रूप से ही हो रहे हैं। यानी कॉलेजों में नियुक्त अन्य व्याख्याताओं के संबंधित खेलों का प्रभारी नियुक्त किया जाता रहा है।


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