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शिलान्यास कहीं और मिसिंग लिंक सडक़ बना दी कहीं.. क‍िसकी रही लापरवाही..जानिए

विधायक बोले, गलती से प्रिंट हो गया था, पीडब्ल्यूडी जयपुर ने संशोधित आदेश में उसी लागत की सडक़ दूसरी ओर दी मंजूरी

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डॉ सुुुुशीलसिंह चौहान / उदयपुर . खेरवाड़ा विधायक ने सार्वजनिक निर्माण विभाग से मिसिंग लिंक सडक़ की मंजूरी में संशोधन करवा कर 98.30 लाख रुपए में ऐसी जगह सडक़ निर्माण की अनुशंसा कर डाली, जो न तो योजना का उद्देश्य पूरा कर रही और ना ही उसका फायदा मिल पाया है। वित्तीय वर्ष 2016-17 में उदयपुर जिले में 65,935 लाख रुपए मिसिंग लिंक सडक़ों के लिए मंजूर हुई थी।

इस आदेश में 98.30 लाख रुपए की लागत से कालिका माता मुख्य सडक़ से बलेवटी सीमा तक सडक़ मंजूरी दी गई। पीडब्ल्यूडी ने दो किलोमीटर लम्बे इस मिसिंग लिंक के लिए जिले की सीमा के बाहर डूंगरपुर जिले में शिलान्यास किया, लेकिन बाद में विधायक के दबाव में आकर जयपुर में बैठे विभाग के मुख्य अभियंता ने 5 किलोमीटर कच्ची सडक़ के दो किलोमीटर टुकड़े के संशोधित आदेश जारी कर दिए। हकीकत में मिसिंग लिंक सडक़ योजना का उद्देश्य मुख्य मार्ग से कम दूरी पर स्थित गांवों को सडक़ सुविधा से जोडऩा है। कालिका माता मुख्य सडक़ से बलेवड़ी सीमा तक सडक़ की स्वीकृत में संशोधन करते हुए विभाग ने उसी लागत में रेडाफला सन्नाटी से कालिका माता बलेवड़ी सडक़ को मंजूरी दी। संशोधित आदेश में 49.10 लाख लागत वाली एक अन्य सडक़ फूटाला से चांदपुरा को संशोधित कर सेररा अंगाटा से चांदपुरा किया गया है। संशोधित आदेश में ड्राइंग, पुलिया, झाडिय़ां, कटाई, सडक़ किनारे व जी-शिड्युल सहित अन्य कारकों को नजरअंदाज कर दिया गया। एक सडक़ की अनुमानित लागत से कैसे किसी और सडक़ को बनाया जा सकता, जबकि भौगोलिक दशाएं भिन्न-भिन्न हो।

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अधिकारियों की लापरवाही
पूर्व में स्वीकृत कालिका माता मुख्य सडक़ से बलेवड़ी सीमा तक सडक़ का पीडब्ल्यूडी खण्ड खेरवाड़ा अधिशासी अभियंता ने 18 मार्च 2017 को राजस्व सीमा डूंगरपुर जिले में जाकर शिलान्यास करवाया। पूर्व स्वीकृत सडक़ की मुख्य सडक़ से दूरी कुल 2 किलो मीटर थी, जबकि 9 अक्टूबर 2017 को मुख्य अभियंता पीडब्ल्यूडी से जारी संशोधित आदेश में 5 किलोमीटर लंबी सडक़ को शामिल किया गया। ऐसे में निर्माण के बाद भी 3 किलोमीटर सडक़ का टुकड़ा अधूरा ही रह जाएगा। आगामी दिनों में अन्य योजना से इसे जोडकऱ निर्मित किया जाएगा। ऐसे में दोनों ओर के क्षेत्रवासियों को सडक़ निर्माण का लाभ नहीं मिलता दिख रहा।

मेरी मर्जी से स्वीकृति
योजना के अनुसार विधायक ही मिसिंग लिंक सडक़ तय करता है। मैंने रेडाफला सन्नाटी से कालिका माता बलेवड़ी सडक़ की ही सिफारिश हुई थी, जो गलती से कालिकामाता मुख्य सडक़ से बलेवड़ी सीमा तक प्रिंट हो गई थी। विभाग ने वहीं किया, जो मैंने कहा था।
नानालाल अहारी, खेरवाड़ा विधायक


उच्चाधिकारियों के आदेश
हमें तो उच्चाधिकारियों के आदेश की पालना करनी है। स्वीकृति में संशोधन होकर आया तो हमने उस सडक़ पर निर्माण शुरू करवा दिया। आगामी दिनों में अन्य किसी योजना से दूसरी मिसिंग सडक़ को भी जुड़वाने का प्रयास करेंगे।
चंद्रमोहन राज माथुर, अधीक्षण अभियंता, पीडब्ल्यूडी


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