
Rajasthan Assembly Election 2023 : राजस्थान विधानसभा चुनाव में एक माह से भी कम समय रह गया है और गतिविधियां तेज हो गई है। चुनावी माहौल के बीच उदयपुर की राजनीति की बात करें तो अब तक के इतिहास में कुछ ऐसे चेहरे रहे, जो शहर में पार्षद हुआ करते थे। राजनीति की पहली सीढ़ी से सफर शुरू करते हुए उन्होंने विधानसभा और लोकसभा तक की सीढिय़ां चढ़ी। उदयपुर के ऐसे चार नेता रहे हैं। इनमें से दो सांसद भी चुने गए, उनका निधन हो चुका है। जो दो नेता विधायक रहे, उनमें से एक पार्टी में ही सक्रिय हैं, जबकि एक नेता वर्तमान में विधायक हैं और आगामी चुनाव को लेकर भी मैदान में हैं। जानिए, इन चार नेताओं के बारे में।
भानु कुमार शास्त्री : सिंध से आए, उदयपुर में छाए
पार्षद रह चुके भानु कुमार शास्त्री सांसद व कैबिनेट मंत्री बने। उनका जन्म 29 अक्टूबर 1925 को सिंध के हैदराबाद (वर्तमान में पाकिस्तान) में हुआ था। भारत-पाक विभाजन के दौरान परिवार उदयपुर आ गया। उन्होंने जिस समय मेवाड़ में जनसंघ का झंडा उठाया, राजनीति में कांग्रेस का प्रभुत्व था। वे राजस्थान में जनसंघ इकाई अध्यक्ष भी रहे। शास्त्री का निधन 24 फरवरी 2018 को हो गया।
किरण माहेश्वरी : पार्षद से मंत्री तक बनी
उदयपुर में पार्षद और सभापति रहीं किरण माहेश्वरी आगे जाकर सांसद और विधायक चुनी गई। उनका जन्म 29 अक्टूबर 1961 को हुआ था। राजसमंद से विधायक चुनी जाकर उच्च शिक्षा और जल संसाधन मंत्री बनी थी। इससे पहले वे अजमेर से सचिन पायलट के सामने चुनाव हारी थी। वे भारतीय जनता पार्टी में भी राष्ट्रीय पद पर थी। कोरोना काल में 30 नवम्बर 2020 को उनका निधन हो गया।
त्रिलोक पूर्बिया : साठ साल से सक्रिय
पार्षद रह चुके त्रिलोक पूर्बिया 1998 के चुनाव में विधायक चुने गए थे। उन्होंने भाजपा के मांगीलाल जोशी को हराया था। पूर्बिया का जन्म 2 अप्रेल 1944 को हुआ था। विधायक बनने से पहले वे जीवन बीमा अभिकर्ता थे। वे 1962 से कांग्रेस के सक्रिय सदस्य रहे और 1999 में शहर जिला कांग्रेस के कार्यवाहक अध्यक्ष भी रहे। वे यूआइटी सदस्य और मेवाड़ आंचलिक ग्रामीण बैंक निदेशक भी रहे।
फूलसिंह मीणा : तीसरी बार मैदान में
उदयपुर ग्रामीण सीट से दूसरी बार विधायक बन चुके फूलसिंह मीणा 2010 में पार्षद चुने गए थे। उनका जन्म 15 अगस्त 1959 को भीलवाड़ा जिले के गादोली जहाजपुर में हुआ था। शुरुआत में वे 1998 में भाजपा के वार्ड अध्यक्ष बने। 2006 में अनुसूचित जनजाति मोर्चा प्रदेश मंत्री नियुक्त हुए। फिर यूआइटी ट्रस्टी भी रहे। उनकी स्कूली शिक्षा महावीर विद्या मन्दिर सेक्टर-5 में हुई थी।
Published on:
27 Oct 2023 02:23 pm
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