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राजस्थान में इन बैंक कर्मचारियों की उड़ी नींद, वेतन वृद्धि के बाद वसूली के नोटिस जारी

Udaipur News : वर्षों तक बैंक में सेवाएं दी, वेतन वृद्धि का लाभ मिला, लेकिन बैंकों के मर्ज होने के बाद अब सेवानिवृत कर्मचारियों की नींद उड़ गई है। पूर्व में गलत वेतन वृद्धि का हवाला देकर बैंक ने वसूली के नोटिस जारी किए हैं।

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Udaipur News : वर्षों तक बैंक में सेवाएं दी, वेतन वृद्धि का लाभ मिला, लेकिन बैंकों के मर्ज होने के बाद अब सेवानिवृत कर्मचारियों की नींद उड़ गई है। पूर्व में गलत वेतन वृद्धि का हवाला देकर बैंक ने वसूली के नोटिस जारी किए हैं। मामला पूर्व मेवाड़ आंचलिक ग्रामीण बैंक, जयपुर, नागौर ग्रामीण बैंक, थार आंचलिक ग्रामीण बैंक से जुड़ा है।

दरअसल, प्रदेश के कई हिस्सों में पहले स्पोंसर बैंक संचालित थे। धीरे-धीरे इन बैंकों का समय-समय पर समायोजन किया जाता रहा। मेवाड़ आंचलिक बैंक को 2014 में राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक में समाहित करने के बाद राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक अस्तित्व में आया। तत्कालीन मेवाड़ आंचलिक ग्रामीण बैंक ने भारत सरकार की ओर से निर्धारित नियमों के अन्तर्गत ग्रामीण बैंक कार्मिकों को 1993 से कम्प्यूटर इंक्रीमेंट दिया था। लेकिन अब राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक ने इसे गलत कम्प्यूटर वेतन वृद्धि करार देते हुए लाभ के रूप में दी गई वेतन वृद्धि वापस जमा कराने का नोटिस दिया है। इस नोटिस से मेवाड़ आंचलिक बैंक के करीब 240 और राजस्थान के करीब 1 हजार से ज्यादा कार्मिक प्रभावित हो गए हैं। इसी मामले में कोर्ट ने दो पूर्व अध्यक्ष व वर्तमान अध्यक्ष को तलब किया है।

24 माह में राशि जमा करवाने के निर्देश
आरएमजीबी के महाप्रबंधक कार्मिक राजेन्द्र गुप्ता ने कार्मिकों को नोटिस मिलने के 24 माह में एक मुश्त या किस्त के रूप में राशि जमा करवाने के आदेश जारी किए हैं। नोटिस में ये भी चेतावनी दी है कि ऐसा नहीं किए जाने पर फरवरी माह से वेतन, पेंशन, फैमिली पेंशन पर इसका प्रभाव पड़ सकता है।

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नोटिस में नियोक्ता पर डाली बात
आरएमजीबी की ओर से जारी नोटिस में उल्लेख किया है कि पूर्ववर्ती बैंक यथा जयपुर, नागौर एवं थार आंचलिक ग्रामीण बैंक के अधिकारियों, कर्मचारियों को उनके तत्कालीन नियोक्ता की ओर से नियमों की विपरीत कम्प्यूटर वेतन वृद्धि जारी की। राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक में विलय के बाद भी ये वेतनवृद्धि दी जाती रही।

बैंक की ओर से जो नोटिस जारी किया गया है। वो न्याय संगत नहीं है। भारत सरकार के आदेश हैं कि कार्मिकों के वेतन भत्ते निर्बाध जारी रहेंगे। बैंकों का समायोजन भी भारत सरकार के निर्देश पर ही हुआ था। अब आरएमजीबी की ओर से ये आदेश जारी कर कर्मचारियों के साथ अन्याय किया जा रहा है। कार्मिकों को जबरन कानूनी प्रक्रिया में उलझाने का प्रयास किया जा रहा है।
लोकेन्द्रसिंह, पूर्व अध्यक्ष, मेवाड़ आंचलिक ग्रामीण बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन, उदयपुर

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