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उदयपुर

आडावल में मिलेगी राजस्थानी कला, संस्कृति व साहित्य की झलक

राजस्थान साहित्य अकादमी सभागार में होगा आगाज, महोत्सव में आएंगी कई हस्तियां

उदयपुरJul 05, 2019 / 03:20 am

Manish Kumar Joshi

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आडावल में मिलेगी राजस्थानी कला, संस्कृति व साहित्य की झलक

उदयपुर. राजस्थानी लोक कला, साहित्य, संस्कृति और खेल एवं फिल्म -संगीत का विश्वव्यापी वार्षिक संगम राजस्थान साहित्य महोत्सव “आडावल” का शुभारंभ रंग निदेशक भानु भारती, वरिष्ठ संपादक श्री पाल सिंह शक्तावत शुक्रवार दोपहर 12 बजे राजस्थान साहित्य अकादमी सभागार हिरण मगरी सेक्टर 4 में करेंगे।
कार्यक्रम निदेशक शिवदान सिंह जोलवास ने बताया कि 5 से 8 जुलाई तक चलने वाले इस चार दिवसीय महोत्सव के 8 सत्रों में राजस्थान के 18 ज्वलंत विषयों शिक्षा, सेना, शोध, खेल,व्यवसाय, कला, मीडिया , संस्कृति, साहित्य आदि की अमूल्य धरोहर की महत्वपूर्ण जानकारी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त देश के विषय विशेषज्ञ सरल शब्दों में प्रदान करेंगे। यह अमूल्य जानकारी नई पीढ़ी को अपने इतिहास एवं प्रतियोगी परीक्षाओं के अभ्यर्थियों की तैयारी में लाभकारी सिद्ध होगी। कार्यक्रम के दौरान रंगमंच, फिल्म, गायन, लोककला के क्षेत्र में रोजगार के अवसरों की जानकारी आमजन के लिए अत्यंत लाभकारी साबित होगी। महोत्सव में पांच हजार पुरानी कावड काष्ठ कला, कठपुतलियों का प्रदर्शन और राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों में एवं अवसरों पर पहने जाने वाले साफे तथा लंगा, मांगलियार लोककलाकारों की प्रस्तुति देखने को मिलेगी।
उद्घाटन सत्र के बाद दोपहर 2 बजे से राजस्थान का ऐतिहासिक योगदान, राजस्थानी भाषा का जनसंचार में भविष्य, स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासी आंदोलनों का योगदान के बारे में देश के प्रख्यात इतिहासकार, पत्रकार एवं महावीर चक्र विजेता दीगेंद्र कुमार अपने अनुभव और जानकारी साझा करेंगे।
महोत्सव के दूसरे दिन सुबह 8 बजे शहर के छात्र – छात्राओं को पुरस्कृत बाल फिल्म “गोरु” का नि:शुल्क प्रदर्शन होगा। महोत्सव के प्रात:कालीन सत्रों में साहित्यिक चर्चा होगी। सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय के विवेकानंद सभागार में सायंकालीन सत्रों में राजस्थानी लोक संगीत की सांस्कृतिक प्रस्तुति तथा राजस्थानी कवि सम्मेलन का आयोजन होगा जिसमें पहले दिन शाम 7 बजे संगीत संध्या में प्रदेश के जाने -माने गजल गायक एवं संगीतकार वसीम जयपुरी और दिनेश वर्मा अपनी संगीतमय प्रस्तुति देंगे। दूसरे दिन राजस्थानी काव्य सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा जिसमें देश के प्रख्यात राजस्थानी कवि वीर रस और श्रृंगार जैसी शैली की प्रस्तुति के माध्यम से राजस्थान की अमूल्य धरोहर का बखान करेंगे। तीसरे दिन सायंकाल में लोककला कर्मी विजयालक्ष्मी आमेटा एवं समूह राजस्थानी लोक नृत्य गायन एवं कला की विविध प्रस्तुति प्रदान करेंगे।
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