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आरएनटी : आरएमआरएस के फैसलों को ठेका कम्पनी का ठेंगा

- निशुल्क पार्किंग व नो व्हिकल जोन का निर्णय निकला शगूफा - पूरा हॉस्पिटल बना दिया पार्किंग, ना तय स्थान ना तय सिस्टम

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निशुल्क पार्किंग व नो व्हिकल जोन का निर्णय निकला शगूफा

निशुल्क पार्किंग व नो व्हिकल जोन का निर्णय निकला शगूफा

बंद कमरे में उच्चाधिकारियों के बीच हुए निर्णय कैसे दफ्तर दाखिल होते हैं इसकी बानगी आरएनटी मेडिकल कॉलेज में देखी जा सकती है। यहां कुछ दिनों पहले हुई आरएमआरएस की बैठक में तय किया गया था कि जल्द ही पार्किंग व्यवस्था पूरी तरह से निशुल्क कर दी जाएगी, तो इमरजेंसी वाली सड़क को नॉ पार्किंग व नॉ व्हिकल जोन बनाया जाएगा, लेकिन ऐसा हो ना सका।हालात ये है कि अभी आरएनटी के अन्तर्गत आने वाले सभी हॉस्पिटल यानी कमोबेश पूरा परिसर ही पार्किंग स्थल में बदल चुका है। जो जहां चाहे वहां गाड़ी खड़ी करे, रोकने वाला कोई नहीं। इतना ही नहीं आने-जाने वाले मुख्य प्रवेश व निकासी द्वार के बीचों बीच तक वाहन खडे़ करने से भी किसी को गुरेज नहीं है। पार्किंग ठेका संभाल रहे ठेकेदार के कार्मिक मनमर्जी से कहीं भी वाहन खडे़ करवा रहे हैं, तो आम लोगों से मनमाने दाम तक वसूल रहे हैं।

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अव्यवस्था से आए दिन झगडे़

पार्किंग को लेकर पूरे हॉस्पिटल में कोई तय व्यवस्था नहीं है। थियेटर के सामने वाले हिस्से में बनाई गई बड़ी पार्किंग का गिने-चुने लोग इस्तेमाल कर रहे हैं, तो ज्यादातर कहीं भी वाहन खड़ा कर देते हैं। कई बार वाहन खड़ा करने से लेकर निकालने और आपस में टकराने को लेकर झगड़े हो रहे हैं, तो कई बार बवाल अधिकारियों तक भी पहुंचता है, लेकिन किसी की सुनने वाला कोई नहीं है।

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ये हुआ था आरएमआरएस में निर्णय- आरएमआरएस की गत दिनों हुई बैठक में निर्णय हुआ था कि पूरे परिसर में पार्किंग व्यवस्था के लिए स्थान तय किया जाएगा।

- सभी के लिए पार्किंग निशुल्क कर दी जाएगी। पूरा पैसा हॉस्पिटल वहन करेगा।- इमरजेंसी के सामने यानी कॉटेज के सामने वाली सड़क को नो पार्किंग व नो व्हिकल जोन बनाया जाएगा, ताकि वहां पर पूरा मार्ग खाली रहे

ये हुआ हश्र : इनमें से एक भी निर्णय अमल में नहीं आ सका। उल्टे यहां ठेकेदार के कार्मिक जमकर लूट मचा रहे हैं, रात्रि में उपचार के लिए आए लोगों से अभद्रता तक करने से नहीं चूक रहे, तो मुंह देखकर पैसा लेने और अधिकांश को रसीद नहीं देने का खेल खुलेआम चल रहा है।

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इनका कहना

दुपहिया वाहन के दस रुपए, चार पहिया के अलग-अलग समय पर 20 और 30 रुपए ले रहे हैं। बिना पर्ची के तो कोई पैसे कहां देता है।संतोष कुमार श्रीवास्तव, सुपरवाइजर, पार्किंग ठेका कंपनी

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जल्द ही इस पर निर्णय लेंगे, ताकि लोगों को अनावश्यक परेशानी नहीं हो, प्रयास ये है कि हॉस्पिटल में तय स्थान पर पार्किंग हो और मरीजों व परिजनों को बिना समस्या के उपचार के साथ ये सुविधा भी बेहतर मिल सके।

डॉ विपिन माथुर, प्राचार्य आरएनटी मेडिकल कॉलेज उदयपुर


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