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छात्रावास के लिए बना अलग काडर, अब सीधी भर्ती से लगेंगे वार्डन

अनुसूचित जाति बाहुल्य क्षेत्रों में बनाए गए छात्रावासों में लगने वाले वार्डन अब शिक्षा विभाग के माध्यम से नहीं आएंगे। सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो आने वाले समय में सीधी भर्ती से पूरे प्रदेश में छात्रावास वार्डन लगाए जाएंगे।

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छात्रावास के लिए बना अलग काडर, अब सीधी भर्ती से लगेंगे वार्डन

छात्रावास के लिए बना अलग काडर, अब सीधी भर्ती से लगेंगे वार्डन

अनुसूचित जाति बाहुल्य क्षेत्रों में बनाए गए छात्रावासों में लगने वाले वार्डन अब शिक्षा विभाग के माध्यम से नहीं आएंगे। सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो आने वाले समय में सीधी भर्ती से पूरे प्रदेश में छात्रावास वार्डन लगाए जाएंगे। जिससे कि प्रतिनियुक्ति का मसला हल हो जाएगा और मूल विभाग के ही कार्मिक बतौर वार्डन का जिम्मा संभाल सकेंगे।

अभी तक ये होता आ रहा था कि छात्रावास वार्डन की जितनी भी पोस्ट थीं, वो अब वो शिक्षा विभाग में शामिल हो चुकी थी। शिक्षा विभाग के माध्यम से ही वाक इन इंटरव्यू के माध्यम से छात्रावास वार्डन लगाए जाते थे। ऐसे में सभी वार्डन वर्षों से प्रतिनियुक्ति पर एक ही जगह जमे बैठे हैं। गौरतलब है कि 2020-2021 की बजट घोषणा के क्रम में कार्मिक विभाग ने छात्रावासों में वार्डन के लिए विभागीय कैडर बनाने की अधिसूचना जारी की थी। इस अधिसूचना के आधार पर विभागीय काडर तैयार किया जा चुका है।

अब टीएडी का होगा काडर

पहले जहां शिक्षा विभाग के अधीन आने वाले कार्मिकों को इन छात्रावासों में जिम्मेदारी दी गई थी। लेकिन अब टीएडी (जनजाति विकास विभाग) का नया काडर बन जाने से इसमें प्रतिनियुक्ति नहीं होगी। इसकी भर्ती आने के बाद जनजाति क्षेत्रों में बने हॉस्टल में विभाग के वार्डन ही काम करेंगे।

अब प्रतिनियुक्ति नहीं, सीधी भर्ती होगीअब सरकार की ओर से निकाली जाने वाली भर्ती के माध्यम से वार्डन व अधीक्षक लगाए जा सकेंगे। यहां शिक्षा विभाग के माध्यम से प्रतिनियुक्ति नहीं की जाएगी।

इनको जाना होगा मूल विभाग में

वर्तमान में शिक्षा विभाग के 121 कार्मिक ऐसे हैं, जो पांच वर्ष से अधिक समय से उदयपुर, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, आबूरोड में बने छात्रावासों में बतौर वार्डन काम कर रहे हैं। जैसे ही वार्डन, छात्रावास अधीक्षक की भर्ती निकलती है तो टीएडी को इनकी जरूरत नहीं होगी। इस भर्ती के माध्यम से मूल विभाग के वार्डन ही अनुसूचित जाति छात्रावासों में लगेंगे। इससे साफ है कि प्रतिनियुक्ति पर लगे कार्मिकों को एक बार फिर से अपने मूल विभाग में जाना पड़ेगा।

विभाग ने ये दिया था तर्क

सरकार ने जब टीएडी से प्रतिनियुक्ति के संबंध में जानकारी चाही तो ये तर्क दिया गया कि नए चयनित कार्मिक के लिए मूल विभाग की ओर से अनापत्ति पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। इस कारण वार्डन पांच वर्ष से अधिक समय तक इन छात्रावासों में काम कर रहे हैं।

प्रदेश में छात्रावासों की स्थिति

इनका कहना

विभाग ने अलग से कैडर बना लिया है। ऐसे में अब छात्रावासों के वार्डन मूल विभाग के ही लग सकेंगे। इसके लिए भर्ती प्रक्रिया का इंतजार है।

प्रज्ञा केवलरमानी, आयुक्त, जनजाति विकास विभाग, उदयपुर


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