24 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

ये है कुदरत का करिश्मा, संक्रमित प्रसूताओं से एक भी नवजात नहीं हुआ कोरोना पीडित

- मार्च से सितम्बर तक जनाना हॉस्पिटल में हुए कुल साढे़ आठ हजार प्रसव

2 min read
Google source verification
corona

corona

भुवनेश पंड्या

उदयपुर. ये कुदरत का करिश्मा या ईश्वर की मेहर ही मानी जाएगी कि कोरोना संक्रमित माताओं ने अपने शिशु को जन्म दिया, लेकिन कोरोना पीडि़त मां की कोख से जन्म लेेने और हरदम मां के सीने से लगे रहने के बाद भी जिले का एक भी नवजात कोरोना से संक्रमित नहीं हुआ। उदयपुर के जनाना हॉस्पिटल में मार्च से सितम्बर के बीच ८४०७ प्रसूताएं गर्भवती हुई, इस कोरोना काल में हुए प्रसव और तीखे संक्रमण के बीच भी मां के अदृश्य सुरक्षा कवच ने अपने जिगर के टूकडे़ को अपने ही संक्रमण से भी सुरक्षित कर लिया।

-----

१०८ प्रसूताएं हुई कोरोना संक्रमित जिले में १०८ प्रसूताएं कोरोना संक्रमण के घेरे में आई, बकायदा उन्हें आइसोलेशन में अन्य प्रसूताओं या गर्भवती महिलाओं से अलग रखा गया, उन्होंने अपने चांद-चांदनी को जन्म दिया, लेकिन उसे तोहफे में अपना संक्रमण नहीं देकर अपनी दुआएं दी। आखिर एक मां की गोद ही होती हैं, जहां शिशु खुद को दुनिया में सबसे ज्यादा सुरक्षित महसूस करता है।

-----

हॉस्पिटल में किए कई जतन - जैसा नाम वैसा काम- जनाना चिकित्सालय की प्रभारी सहित पूरे स्टाफ ने भी एक से एक जतन कर इन सात माह में करीब साढे़ आठ हजार प्रसव करवाकर नवजात को सुरक्षित रखा। कई बार तो नवजात बेहद गंभीर स्थिति में भी थे, जिसमें उन्हें एनआईसीयू में शिफ्ट तक करना पड़ा, इसके बावजूद किसी भी शिशु को ना तो संक्रमित होने दिया गया, ना ही उसे कोई नुकसान होने दिया। हॉस्पिटल का जैसा नाम है पन्नाधाय जनाना हॉस्पिटल, उस मां पन्नाधाय नाम के त्याग की तर्ज पर ही यहां कई स्टाफकर्मी महिला नर्सेज ने पूरे-पूरे दिन नवजात संभाले तो केवल दुग्धपान के लिए ही बच्चों को मां के पास भेजा गया। - प्रसूताओं को ये सिखाया गया कि किस तरह से डिस्टेंसिंग से उन्हें अपने शिशु का ख्याल भी रखना है और उनकी देखभाल करनी है। एक महिला के लिए इससे बड़ी क्या चुनौती होगी कि वह नई-नई मां बनी है, लेकिन पूरा-पूरा दिन उसे अपने बच्चे से दूर रहना पड़ रहा था।

-----

ये रही सबसे बड़ी उपलब्धि - अब तक पन्नाधाय हॉस्पिटल में जो १०८ प्रसूताएं कोरोना से संक्रमित हुई, उनमें से कोई किसी को भी अपनी जान नहीं गवानी पड़ी। - किसी भी बच्चे में मां से संक्रमण नहीं फैला। - किसी भी नवजात की संक्रमण के कारण मौत नहीं हुई।

-----------

ये हमारे लिए बड़ी उपलब्धि ही कही जाएगी कि इतनी बड़ी संख्या में प्रसव होने के बाद भी किसी भी प्रसूता या नवजात को कोरोना से परेशानी नहीं हुई। कोरोना के सर्वाधिक संक्रमण के बीच १०० से अधिक माताएं जरूर संक्रमण लेकर आई, लेकिन जन्में बच्चों में से किसी में भी संक्रमण नहीं फैला, ना ही किसी की मौत हुई।

डॉ मधुबाला चौहान, अधीक्षक जनाना हॉस्पिटल उदयपुर


बड़ी खबरें

View All

उदयपुर

राजस्थान न्यूज़

ट्रेंडिंग