
उदयपुर . केन्द्र सरकार अब देश के २० शैक्षिक संस्थानों को दुनिया के १०० सबसे बेहतर शिक्षण संस्थानों में शुमार करने की कवायद में जुट गई है। इसे लेकर १० सार्वजनिक और 10 निजी संस्थानों को अपग्रेड करने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को जोडक़र उससे आवेदन मांगे थे। विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों से 100 आवेदन प्राप्त हुए हैं।
हालांकि राजस्थान प्रदेश के लिए दुखद है कि राजस्थान का एक भी विश्वविद्यालय इन मापदण्डों पर खरा नहीं उतर पाया। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक सात आईआईटी सहित सार्वजनिक संस्थानों से अधिकतम आवेदन प्राप्त हुए हैं। सभी संस्थानों के आवेदन प्राप्त करने की तीन माह की समय सीमा रखी गई थी।
ये हैं शामिल : इसमें विश्वविद्यालयों ने अलग-अलग श्रेणी में आवेदन किया है। इसमें 10 केंद्रीय विश्वविद्यालय, 25 राज्य विश्वविद्यालय, छह विश्वविद्यालयों के राष्ट्रीय महत्व के 20 संस्थान और ६ स्वतंत्र संस्थानों ने आवेदन किया है। 9 निजी विश्वविद्यालयों और 16 विश्वविद्यालयों ने डिम्ड व ८ संस्थानों ने ग्रीनफील्ड श्रेणी में आवेदन किया है। इसमें जिसे शामिल किया जाता है, वह विश्वस्तरीय विश्वविद्यालयों में शामिल किया जाएगा। इसे इसके अनुरूप तैयार किया जाएगा। अन्य संस्थान भी इसे देख प्रतिस्पद्र्धा के माध्यम से शिक्षा व आधारभूत सुविधाओं में बेहतर होंगे। सितंबर में यूजीसी ने इसके लिए आवेदन मांगे थे।
ये थे नियम व मापदण्ड : संस्थाओं से कहा गया था कि वे शीर्ष १०० वैश्विक स्तर पर संस्थानों में शामिल होने के लिए 15 साल की विजन योजना प्रस्तुत करें, मार्च, अप्रेल २०१८ तक उन्हें ये विश्वस्तरीय दर्जा हासिल करने के लिए जनादेश का सहारा भी लेना होगा। वे स्वयं अपनी राह चुन सकेंगे, उन्हें अधिक से अधिक स्वायत्तता प्रदान की जाएगी जो कि 30 प्रतिशत विदेशी छात्रों को स्वीकार करने के लिए, 25 प्रतिशत की भर्ती करने के लिए, विदेशी संकाय यूजीसी की अनुमति के बिना विश्व रैंकिंग संस्थानों में शीर्ष 500 के साथ शैक्षणिक सहयोग में प्रवेश करने के लिए अपने कार्यक्रमों के 20 प्रतिशत तक ऑनलाइन पाठ्यक्रम प्रदान करने के लिए वे स्वत्रंत्र हो जाएंगे। संस्थानों को बिना किसी प्रतिबंध के विदेशी छात्रों को शुल्क लगाने और शुल्क लेने के लिए भी स्वतंत्रता मिलेगी।
प्रदेश का एक भी नहीं उतरा खरा
राज्य के किसी भी संस्थान को इसमें शामिल नहीं किया गया। कई उच्च मापदण्डों पर हम खरा नहीं उतर पाए। इसकी प्रविष्टि शुल्क भी एक करोड़ रुपए थी। इसमें आवेदन के लिए यह जरूरी था कि हम एनआईआरएफ (नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंक फ्रेमवर्क) में शामिल हो। हम इसमें शामिल नहीं है, इस बार हमने इसके लिए आवेदन किया है। टॉप २० में जो शामिल होंगे, उनका कायाकल्प हो जाएगा।
प्रो.जेपी शर्मा, कुलपति, सुखाडि़या विश्वविद्यालय उदयपुर
सार्वजनिक क्षेत्र से लागू संस्थान
सात भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान
मद्रास, दिल्ली, बॉम्बे, खडग़पुर, कानपुर, गुवाहाटी व रुडक़ी
दिल्ली विश्वविद्यालय
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय
जाधवपुर विश्वविद्यालय
गोवा विश्वविद्यालय
पंजाब विश्वविद्यालय
मैंगलोर विश्वविद्यालय
निजी क्षेत्र से लागू संस्थान
ओ पी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी
अशोक विश्वविद्यालय
मणिपाल विश्वविद्यालय
एमिटी यूनिवर्सिटी
Published on:
20 Dec 2017 11:43 am
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