उदयपुर जिले के बेकरिया थाना क्षेत्र में तेजा का वास में सई बांध से जवाई बांध को जोड़ने वाली नहर में गिरे कक्षा आठवीं के 14 वर्षीय बालक राजूराम गरासिया का शव चौथे दिन सोमवार रात को मिला। नहर की आठ किमी लंबी सुरंग में टीमों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। इससे टीमें सुरंग में आगे तक नहीं जा पा रही है। प्रशासन ने बालक की तलाश के लिए जयपुर की एनडीआरएफ टीम को बुलाया है जो सोमवार शाम को पहुंच गई। रात को टीम ने ग्रामीणों की मदद से शव को ढूंढ निकाला।
पुलिस के अनुसार सोमवार को स्थानीय गोताखोर से लेकर एसडीआरएफ एवं नागरिक सुरक्षा विभाग की टीमों ने तलाशी अभियान चलाया। सर्च अभियान को देखते हुए सिंचाई विभाग ने बेकरिया के सेई बांध से जवाई बांध को जोड़ने वाली नहर के पानी को रोक दिया है लेकिन टीम के जवानों को 8 किमी लंबी सुरंग में सांस लेने में आ रही दिक्कतों से अभियान बाधित होता था। इसके बाद एसडीआरएफ एवं नागरिक सुरक्षा विभाग की टीम सोमवार को वापस उदयपुर रवाना हो गई। वहीं जयपुर से देर शाम एनडीआरएफ की टीम बेकरिया के बोगना सुरंग पहुंची जहां कुछ समय के तलाशी अभियान चलाया लेकिन शाम होने से एनडीआरएफ की टीम ने अभियान रोक दिया। बाद में टीम के कुछ जवान व ग्रामीण फिर सुरंग में गए तो छात्र का शव चट्टानों में फंसा नजर आया। इस दौरान कोटड़ा पुलिस उप अधीक्षक राजेश कसाना, तहसीलदार मंगला राम मीणा,देवला नायब तहसीलदार चंदा कुंवर, बेकरिया थानाधिकारी मुकेश कुमार जाट, पटवारी इंद्रा गरासिया मौजूद रहे।
जाली लगाई होती तो हादसा नहीं होता
तेजा का वास निवासी जनप्रतिनिधि अणदा राम गरासिया ने निर्माणाधीन नहर के ठेकेदारों पर आरोप लगाते हुए कहा कि नहर के दोनों तरफ सुरक्षा व्यवस्था के पर्याप्त इंतजाम नहीं है। नहर के आवाजाही वाले मार्ग पर अगर जाली लगाई होती तो यह घटना नही होती। नहरों पर समय रहते यदि ध्यान नहीं रखा तो फिर से दुर्घटना होने की संभावना बनी रहेगी।