उदयपुर . सर्ववर्गीय कलाल संगिनी महिला मंडल की ओर से महाकालेश्वर गार्डन में कलाल समाज का सामूहिक विवाह बुधवार को हुआ। जिसमें 12 जोड़े परिणय सूत्र में बंधे। सामूहिक विवाह से पूर्व गणपति स्थापना की गई। इसके बाद वर वधुओं की शोभायात्रा निकाली गई। जो महाकालेश्वर मंदिर से शुरू होकर राडाजी चौराहा रानी रोड होते हुए वापस महाकालेश्वर गार्डन पहुंची। शोभायात्रा में सबसे आगे जीप में कलाल समाज के आराध्य देव राजराजेश्वर भगवान सहस्त्रबाहु अर्जुन बिराजमान थे। पुरुष सूट एवं साफे और महिलाएं विभिन्न प्रकार के पारम्पिरिक वेश में सज धज कर चल रही थी। शोभायात्रा के बाद तोरण की रस्म हुई। दूल्हा-दुल्हन की वरमाला की रस्म के बाद पंडितों ने विधि विधान से मांगलिक कार्यक्रम संपन्न करवाए। इस दौरान तुलसी विवाह का आयोजन भी किया गया। जिसमें तुलसी विवाह के लाभार्थी कल्पना ललित पूर्बिया थे। वर वधू के धर्म माता-पिता बनने का सौभाग्य रुक्मिणी देवी भेरूलाल पूर्बिया को प्राप्त हुआ। सामूहिक विवाह में ओंगणा, झाडोल, उदयपुर, थूर मदार, सलूम्बर, चित्तौड़, भीलवाड़ा अहमदाबाद, खेरवाड़ा, डूंगरपुर, बांसवाड़ा सहित दूर-दूर से समाजजनों ने भाग लिया। संचालन सूर्य प्रकाश सुहालका, पुष्कर चौधरी व दिव्या पूर्बिया ने किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि न्यायाधीश संजय मालवीय, विशिष्ट अतिथि जिला आबकारी अधिकारी मुकेश कलाल, पूर्व विधायक प्रकाश चौधरी व त्रिलोक पूर्बिया, नारायण पटेल, गिरवर चौधरी, बाबूलाल सुहालका थे। सभी अतिथि, भामाशाह एवं कार्यकर्ताओं का उपरणा ओढ़ाकर पगडी पहनाकर, स्मृति चिह्न भेंटकर स्वागत व अभिनंदन किया गया। व्यवस्थाओं की बागडोर महिला संगठन की संरक्षक डॉ सुनीता सुहालका, अध्यक्ष मंजू पूर्बिया, राजकुमारी कुसुम, सुचित्रा व स्नेहलता सुहालका, दीपिका चौधरी, ललिता व ज्योति पूर्बिया, दुर्गा टांक ने संभाली। जगदीश सुहालका, छगन पूर्बिया, पृथ्वीराज सुहालका, सूर्य प्रकाश सुहालका, नरेश पूर्बिया, मदन चौधरी, भेरु लाल कलाल आदि ने व्यवस्था संभालने में योगदान दिया।