
उदयपुर में तीन हजार वेतन में काम रह थी एवजी महिला सफाईकर्मी, यूं खुली पोल...
उदयपुर . स्थायी सफाईकर्मियों से हाजिरी के लिए मंथली बंधी लेने एवं उनकी जगह एवजी सफाईकर्मियों के काम करने का भंडाफोड होने के बाद गुरुवार सुबह महापौर चन्द्रसिंह कोठारी ने स्वास्थ्य अधिकारी व टीम के साथ सफाई व्यवस्था का आकस्मिक निरीक्षण किया। भट्टियानी चौहटा क्षेत्र की आशापाल की गली में उन्होंने एक एवजी महिला सफाईकर्मी काम करते मिल गई। पूछताछ में वह गरीबी की दुहाई देते हुए रो पड़ी। उसने स्थायी महिलाकर्मी से 3 हजार रुपए माहवार पैसा देना स्वीकार किया।
उल्लेखनीय है कि एसीबी टीम ने सोमवार को घंटाघर क्षेत्र में महिला सफाईकर्मी सिटी स्टेशन रोड निवासी शबनम से मंथली बंधी के 5500 रुपए की रिश्वत लेते हुए टीम ने जमादार इन्द्रानगर बीड़ा निवासी मकबूल पुत्र कमाल हुसैन व दलाल मल्लातलाई निवासी मुश्ताक पुत्र मोहम्मद शरीफ को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में सामने आया कि यह बंधी सफाईकर्मी से हाजिरी में छूट के बदले ली जा रही थी। वह सफाई के लिए वार्ड में जाए या नहीं, उसकी हाजिरी जमादार अपने हिसाब से भर रहे थे। बंधी नहीं देने वाले कर्मियों को वह हाजरी में कटौती के साथ ही परेशान कर रहे थे।
खुलासे के बाद राजस्थान पत्रिका मामले की तह में गई तो पता चला कि बायोमेट्रिक हाजिरी व्यवस्था होने के बावजूद कुछ कर्मियों के फिंगर प्रिंट रीड नहीं होने के बहाने से कार्ड बना रखे हैं। इन कार्ड को जमादारों ने अपने पास रख रखा है जिसे वे स्वयं स्कैन कर संबंधित से मंथली बंधी ले रहे हैं। खबर प्रकाशन के बाद सुबह महापौर चन्द्रसिंह कोठारी स्वास्थ्य अधिकारी नरेन्द्र श्रीमाली, स्वास्थ्य समिति अध्यक्ष ओमप्रकाश चित्तौड़ा व टीम के साथ भट्टियानी चौहटा पहुंचे।
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एवजी महिला मिल गई
दौरे के दौरान टीम को आशापाल की गली में रानी नाम की एवजी सफाईकर्मी मिली। पूछताछ में वह एक बार हड़बड़ा गई। उसने बताया कि सुबह के समय वह रईसा नाम की महिला सफाईकर्मी के एवज में काम करने के लिए वार्ड में आती है। करीब तीन से चार घंटे काम के बदले रईसा उसे तीन हजार रुपए माहवार दे रही है। महापौर ने हाथोंहाथ स्थायी सफाईकर्मी रईसा की अनुपस्थिति दर्ज करने के साथ ही कार्रवाई के आदेश दिए। महापौर ने एसीबी को भी मामले में कार्रवाई के लिए कहा है।
Published on:
21 Sept 2018 06:00 am
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