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उदयपुर डॉक्टर मौत मामला: आज दोबारा जयपुर के डॉक्टर करेंगे पोस्टमॉर्टम, जिम्मेदारों से मांग रहे इस्तीफा, अस्पताल की व्यवस्था चरमराई

Udaipur News: उदयपुर में युवा डॉक्टर रवि शर्मा की मौत का मामला लगातार गरमाता जा रहा है। रेजिडेंट्स डॉक्टर आज भी हड़ताल पर रहेंगे। वहीं, डॉक्टर रवि का आज फिर पोस्टमॉर्टम कराया जाएगा।

Udaipur doctor Ravi Sharma death electric shock
उदयपुर डॉक्टर मौत मामला (फोटो पत्रिका नेटवर्क)

Udaipur News: उदयपुर संभाग के सबसे बड़े एमबी चिकित्सालय के चेतक स्थित दिलशाद हॉस्टल में एक युवा डॉक्टर रवि शर्मा की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के दूसरे दिन शुक्रवार को भी मामला सुलझ नहीं पाया। हड़ताल पर चल रहे रेजिडेंट्स ने मांगें पूरी नहीं होने पर शव नहीं उठाया। पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों की समझाइश पर भी वे नहीं माने।


आरएनटी प्रशासनिक भवन के बाहर विरोध प्रदर्शन करते हुए उन्होंने सदबुद्धि यज्ञ भी किया। शाम को जिला कलेक्टर के साथ उनकी वार्ता भी हुई, जिसमें वे पोस्टमॉर्टम वापस करवाने सहित कई मांगें करते रहे। जिला कलेक्टर से वार्ता के बाद देर रात पोस्टमॉर्टम वापस करने पर सहमति बनी। शनिवार को जयपुर एसएमएस से चिकित्सकों की टीम उदयपुर पहुंचकर पोस्टमॉर्टम करेगी।


अस्पताल की व्यवस्था चरमराई


इधर, एक साथ करीब 800 रेजिडेंट्स के हड़ताल पर चले जाने से अस्पताल की व्यवस्था चरमरा गई है। ओपीडी में मरीजों को घंटों इलाज के लिए इंतजार करना पड़ा। इमरजेंसी ऑपरेशन के अलावा सभी तरह के ऑपरेशन टाले गए। सभी सीनियर चिकित्सक व विभागाध्यक्षों ने अस्पताल में डे-नाइट ड्यूटी कर व्यवस्था को संभाला।

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विधायक ताराचंद जैन सहित अन्य लोग पहुंचे


घटना के बाद से मृतक डॉ. रवि शर्मा (35) के परिजनों के हाल खराब हैं। दूसरे दिन मृतक के कई रिश्तेदार मकराना से उदयपुर पहुंचे। रेजिडेंट्स के चल रहे विरोध व हड़ताल के बीच वे कुछ नहीं बोल पाए। दोपहर को विधायक ताराचंद जैन सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने वार्ता की, लेकिन वे चिकित्सक की करंट से ही मौत की बात को लेकर अड़े रहे।


कैसे हुई थी डॉक्टर की मौत


गौरतलब है कि बुधवार रात दिलशाद हॉस्टल में डॉक्टर रवि शर्मा की संदिग्ध परिस्थितयों में हुई मौत के बाद हंगामा हो गया था। रेजिडेंट्स करंट से मौत होने का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन करते हुए हड़ताल पर उतर गए। जिमेदारों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग को लेकर वे अब तक अड़े हुए है।


इधर, अस्पताल प्रबंधन ने विद्युत निगम व पोस्टमॉर्टम की प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर करंट से मौत होने के कारण से अब तक इनकार किया है। विस्तृत खुलासा पोस्टमॉर्टम आने वाले रिपोर्ट में ही हो पाएगा। इस बीच जिला कलेक्टर के साथ रेजिडेंट्स की हुई बैठक में पोस्टमॉर्टम वापस करने की मांग की गई।

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इलाज के लिए मरीजों की लगी कतार


रेजिडेंट्स के हड़ताल पर जाने से अस्पताल की ओपीडी में मरीजों की कतारें लगी रही। मरीजों को इलाज के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा। अकेले सीनियर चिकित्सक भी ड्यूटी टाइम के बाद तक मरीजों को देखते रहे। कई विभाग तो खाली भी दिखे। कई मरीज तो भीड़ को देखकर निजी अस्पताल पहुंचे तो कई मरीज रेजिडेंट्स की हड़ताल की खबर सुन अस्पताल भी नहीं आए। वार्ड में भर्ती मरीजों को भी सीनियर चिकित्सकों ने दो से तीन राउंड कर संभाला। आईसीयू व इमरजेंसी में सीनियर ने कमान संभालते हुए कार्य किया।


कई जनप्रतिनिधि पहुंचे अस्पताल


रेजिडेंट्स की हड़ताल के चलते कई जनप्रतिनिधि भी अस्पताल पहुंचे। विधायक ताराचंद जैन ने भी रेजिडेंट्स से बातचीत की। वे विभिन्न मांगों को लेकर अड़े रहे। रेजिडेंट्स का कहना था कि डॉ. रवि की मौत वाटर कूलर में करंट से हुई है, जबकि अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि विद्युत निगम ने मौका निरीक्षण किया, जिसमें करंट की बात से इनकार है। पोस्टमॉर्टम की प्रारंभिक रिपोर्ट में भी करंट की बात नहीं आ रही है। फिर भी वे किसी अन्य मेडिकल बोर्ड से पोस्टमॉर्टम वापस करवाना चाहे तो तैयार है।


इमरजेंसी ऑपरेशन हुए, बाकी सब टाले


एमबी चिकित्सालय अधीक्षक डॉ. आर.एल. सुमन ने बताया कि रेजिडेंट्स के हड़ताल पर जाने के बाद सीएमएचओ कार्यालय से करीब 15 चिकित्सकों ने ज्वाइन किया है। वहीं, आरएनटी के चिकित्सकों की भी ड्यूटी लगाई गई है। विभागाध्यक्ष से लेकर सभी सीनियर चिकित्सक ओपीडी, इमरजेंसी, आईसीयू तथा वार्ड में नर्सिंग स्टॉफ के साथ ड्यूटी दे रहे हैं। पहले दिन इमरजेंसी के करीब 35 ऑपरेशन किए गए, जबकि शेष ऑपरेशन को टाले गए। मरीज को किसी तरह की असुविधा न हो इसका विशेष ध्यान रखा जा रहा है।


रेजिडेंट्स के हड़ताल पर जाने के बाद सभी सीनियर चिकित्सकों ने अस्पताल की व्यवस्था को संभाला रखा है। इमरजेंसी के कई ऑपरेशन हुए हैं, अन्य ऑपरेशन टाले गए हैं। रेजिडेंट्स से लगातार समझाइश की जा रही है, लेकिन वे अभी तक काम पर नहीं लौटे हैं और न हीं उन्होंने अब तक शव उठाया है।
-डॉ. विपिन माथुर, प्राचार्य, आरएनटी मेडिकल कॉलेज