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उदयपुर नगर निगम के वार्ड सात के भाजपा पार्षद ने ये क्या कहा…दलित हूं, इसलिए न बुलाते हैं और न ही सम्मान देते हैं

- भाजपा में दलित होने के कारण अपमान के आरोप थमने का नाम नहीं ले रहे।

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Udaipur Municipal Corporation

उदयपुर . भाजपा में दलित होने के कारण अपमान के आरोप थमने का नाम नहीं ले रहे। जिला प्रमुख के बाद अब नगर निगम के वार्ड सात से पार्षद बाबूलाल कटारा ने कहा कि वह दलित हैं, इसलिए नगर निगम में उनका सम्मान नहीं है।

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आरोप लगाया कि गुरुवार को मंडल अध्यक्ष व निर्माण समिति अध्यक्ष ने दौरा किया, लेकिन उन्हें बुलाया तक नहीं। इधर, मंडल अध्यक्ष ने कहा कि पार्षद बेकार की बात कर रहे हैं। वह फोन कॉल रिसीव ही नहीं करते, इसलिए हमने फोन करना छोड़ दिया। दरअसल, वार्ड सात के कई लोगों ने पार्टी को शिकायत की थी कि वार्ड में जनता परेशान है। कोई काम नहीं हो रहा है, संगठन आकर देखे। भाजपा भीमराव अम्बेडकर मंडल अध्यक्ष अतुल चंडालिया को भी बहुत सी शिकायतें मिली तो उन्होंने निर्माण समिति अध्यक्ष पारस सिंघवी को सूचना देकर वार्ड में जनता की तकलीफ सुनने के लिए बुलाया।

सिंघवी वार्ड में पहुंचे। उनके साथ चंडालिया सहित भाजपा ओबीसी मोर्चा शहर उपाध्यक्ष ऊंकार ओड़, पूर्व पार्षद कमलेश जावरिया आदि भी थे। रात को पार्षद कटारा ने मीडिया को बयान में कहा कि उन्हें इस दौरे के दौरान नहीं बुलाया, जबकि वह इस क्षेत्र के जनप्रतिनिधि हैं। कटारा ने कहा कि वह दलित हैं, इसलिए उपेक्षा की जा रही है। बता दें कि बीते महीनों में जिला प्रमुख शांतिलाल मेघवाल भी ऐसा ही आरोप लगा चुके हैं।

बेकार बातें कर रहे हैं पार्षद
भाजपा 36 कौम की पार्टी है, इस तरह की भेदभाव पार्टी में नहीं होता है, पार्षद के आरोप निराधार है, सवाल तो उनसे है कि मंडल अध्यक्ष के नाते मैंने जितनी बार फोन किए, उन्होंने नहीं उठाए। ऐसे में मैंने फोन करना ही बंद कर दिया। गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया द्वारा पार्षदों को विधायक मद के प्रस्ताव से विकास को लेकर बुलाई बैठक में सूचना देने के बावजूद कटारा नहीं आए। वहां तो बुलाया गया था, सारी बेकार की बातें कर रहे हैं।

-अतुल चंडालिया, भाजपा मंडल अध्यक्ष

फोन किया कब, जो उठाता
मुझे फोन किया कब जो उठाता। कल मुझे मंडल अध्यक्ष मिले थे, तभी बता देते। कुल मिलाकर मैं दलित हूं, इसलिए भेदभाव किया जा रहा है। नगर निगम के आयोजनों में भी मुझे सम्मान नहीं दिया जाता है। सब पार्षदों को मेहमानों को उपरणा ओढ़ाने के लिए बुलाया जाता हैं, मुझे नहीं बुलाते। दलित होने से मेरा सम्मान नहीं है।

ऐसी कोई बात नहीं
ऐसी कोई बात नहीं है। मुझे मंडल अध्यक्ष ने बुलाया तो मैं पहुंच गया और निर्माण संबंधी समस्याएं सुनी। मैंने वहां पर भी यही कहा कि प्रस्ताव तैयार कर पार्षद के जरिए काम करवाया जाएगा, पार्षद का पूरा सम्मान है।

-पारस सिंघवी, अध्यक्ष, निर्माण समिति