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Udaipur: लक्षेला झील बचाने पर नीरी की रिपोर्ट का होगा परीक्षण, सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को दिलाया भरोसा

कुंभलगढ़ वन्य जीव अभयारण्य के इको सेंसिटिव जोन में स्थित लक्षेला झील के प्रवाह क्षेत्र में अतिक्रमण को लेकर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में रिपोर्ट परीक्षण का भरोसा दिलाया है।

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udAIPUR NEWS

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राजस्थान के कुंभलगढ़ वन्य जीव अभयारण्य के इको सेंसिटिव जोन में स्थित लक्षेला झील के प्रवाह क्षेत्र में होटल आदि निर्माण के मामले में नेशनल एनवायर्नमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट(नीरी) ने सुप्रीम कोर्ट में रिपोर्ट पेश कर दी है। राज्य सरकार ने कोर्ट को भरोसा दिलाया कि इस मामले में रिपोर्ट का परीक्षण कर कार्रवाई की जाएगी।

सुप्रीम कोर्ट पहुंचे इस मामले में होटल, बगीचों और अन्य विकासात्मक गतिविधियों के कारण झील का जल प्रवाह बाधित होने व पारिस्थितिक संतुलन प्रभावित होने का मुद्दा उठाया गया है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर नीरी ने रिपोर्ट पेश कर दी है, जिसमें झील के प्रवाह क्षेत्र में होटल और लैंडस्केप गार्डन जैसी कई निर्माण होने की जानकारी दी गई है।

राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने कहा कि इस मामले में पर्यावरणीय प्रभाव के बारे में रिपोर्ट का परीक्षण किया जाना जाना आवश्यक है। रिपोर्ट से इस क्षेत्र में प्रक्रियाधीन विकास कार्य और पूर्व के निर्माण प्रभावित हो सकते हैं। ऐसे में नीरी की रिपोर्ट के आधार पर विकास कार्यों का विभिन्न विभागों से परीक्षण कराया जाएगा।

इस पर न्यायाधीश अभय एस. ओका और के. वी. विश्वनाथन की पीठ ने सरकार से नीरी की रिपोर्ट पर तीन सप्ताह में अपना पक्ष रखने को कहा। अब इस मामले पर 14 फरवरी को सुनवाई होगी।

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