
जोधपुर। साइबर ठगों ने अब लोगों को फंसाने का नया पैंतरा खोज लिया है। ठग सीबीआइ के नाम से फर्जी ई-मेल और फोन कर लोगों को डरा रहे हैं। सीबीआइ अधिकारी बन लोगों को कहा जा रहा है कि आपकी गूगल हिस्ट्री बता रही है, आप पोर्न ज्यादा देख रहे हो। गिरफ्तारी वारंट भेजा जा रहा है। गिरफ्तारी से बचने के लिए पीड़ित ठगों की ओर से मांगी गई मुंह मांगी रकम दे रहे हैं। ठगों की फर्जी मेल आइडी भी सीबीआइ और पुलिस की ई-मेल से काफी मिलती जुलती है। जब तक वह कुछ सोचता समझता है तब तक रुपए उसके बैंक खाते से निकल चुके होते हैं।।
कई स्तर पर डेटा ब्रीच हो रहा है। इसमें यदि आपने अपनी आईडी किसी अन्य कम्प्यूटर या मोबाइल पर खोली है या फिर किसी ऐसी वेबसाइट पर गूगल मेल से लॉग इन किया है तो वहां से डेटा लीक होने का खतरा रहता है।
केस 1 : एक व्यक्ति के पास सीबीआइ का ई-मेल आता है। मेल में गूगल हिस्ट्री को ट्रेस करते हुए बताया गया कि आप पोर्न ज्यादा देखते हैं। मेल के साथ एक पीडीएफ अटैच है जिसमें वारंट की बात कही गई है। वारंट में सरकारी कार्यालय की तरह ठप्पा भी लगा है। उस व्यक्ति को दिल्ली के एक कार्यालय में आने का निर्देश दिया गया है।
केस 2 : एक दुकानदार के पास फोन आता है। फोन करने वाला आप को इंटेलिजेंस का इंस्पेक्टर बताता है। कहता है कि आपकी मोबाइल हिस्ट्री बताती है कि आप लगातार पोर्न देख रहे हैं। धमकाता है कि यह गैरकानूनी है और आपको सजा हो सकती है। उसको भी दिल्ली की एक कोर्ट में हाजिर होने को कहा जाता है।
साइबर ठग एक साथ कई फिशिंग मेल भेजते हैं। 100 में से दो या तीन लोग उनकी चपेट में आ जाते हैं। इनमें वे अधिकांश बड़ी उम्र के लोगों को टारगेट करते हैं, जिनके पास तकनीक का ज्ञान नहीं होता। एक साइबर ठगी का ट्रेंड जब लोगों के पकड़ में आता है तो वे हर छह माह से एक साल में अपना ट्रेंड बदल लेते हैं।
Updated on:
09 Feb 2025 07:44 pm
Published on:
12 Jan 2025 03:55 pm
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