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ये एक ऐसी महिला अ​धिकारी, खाकी में पूरी दादागिरी, सरकारी आदेश व नियम नहीं रखता मायना

ये एक ऐसी महिला अधिकारी, खाकी में पूरी दादागिरी, सरकारी आदेश व नियम नहीं रखता मायना

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उदयपुर

दो करोड़ की रिश्वत के मामले एसीबी द्वारा गिरफ्तार एसओजी की तत्कालीन एएसपी दिव्या मित्तल अपने रिसोर्ट को पूरी दादागिरी व रुतबे से चला रही थी। चिकलवास स्थित नेचर हिल्स पैलेस के नाम से स्थित इस रिसोर्ट को चलाने के लिए उसने किसी भी विभाग की कोई अनुमति नहीं ले रखी थी। रिसोर्ट में उसने बर्खास्त कांस्टेबल सुमित जाट को बराबर का पार्टनर बना रखा था। हालांकि यूआइटी ने इस कार्रवाई को रूटिन बताते हुए टालने का प्रयास किया लेकिन हकीकत में यह सम्पत्ति प्रदेश के आला अफसरों से लेकर बड़े नेताओं की नजरों में चढ़ी हुई थी। एसीबी सहित कुछ विभागों ने इसकी जांच के लिए भी लिखा था। यूआइटी ने जांच कर अतिक्रमण माना और बिना देरी किए यहां बुलडोर चला दिया। यूआइटी की इस कार्रवाही के बाद कई भ्रष्ट अधिकारियों में डर बैठ गया। कार्रवाई अलसुबह 6 बजे से लेकर शाम 6.30 बजे तक चली।
इधर, शहरवासियों ने कार्रवाई की प्रशंसा करते हुए यहां लम्बे समय से टिके अधिकारियों की सम्पत्तियों के रिकॉर्ड टटाेलने की भी मांग की। लोगों का कहना था कि यहां पर कई भ्रष्ट अधिकारियों के अलावा बड़े अपराधियों के पास करोड़ों की बेनामी सम्पत्तियां है, जिनकी जांच होगी तो यहां रोजना बुलडोजर चलेंगे।
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जेसीबी का पंजा चला और सब धाराशायी
यूआइटी के अधिकारी गुरुवार रात ही रिसोर्ट में दल बल के साथ पहुंच गए थे। जांच करने पर उन्हें वहां पर टूरिस्ट ठहरे मिले। टीम ने आगाह करने के बाद उन्हें रात को ही अन्य जगह शिफ्ट कर रिसोर्ट खाली करवाया। उसके बाद रिसोर्ट पर कार्यरत लोगों ने कई जगह से कांच खोलकर अलग रखे। अलसुबह छह बजे यूआइटी की जेसीबी पंजे चलाकर एक के बार एक भवनों को धाराशायी किया। अधिकारियों का कहना था कि रिसोर्ट में सुमित जाट वाले हिस्से में पूरा अतिक्रमण था, वहां पर एक पांच मंजिला भवन के अलावा आगे एन्ट्री प्वाइंट का समस्त हिस्सा ढहाया गया। दिव्या मित्तल ने भी एन्ट्री प्वाइंट पर कमरे बनाने के साथ ही मुख्य रिसोर्ट के भवन एक चौथाई हिस्सा अवैध बना रखा था। छत वाले हिस्से से यूआइटी अधिकारियों ने टीनशेड को खुलवाने के बाद एक तरह का हिस्सा पंक्चर कर क्षतिग्रस्त कर दिया।
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रिसोर्ट के लिए किसी भी विभाग ने नहीं ली स्वीकृति
दिव्या के दो बीघा जमीन पर बने रिसोर्ट पर महज 5 हजार स्कवायर फीट तक फॉर्म हाउस की स्वीकृति थी, लेकिन उसने 35 हजार स्कवायर फीट पर अतिक्रमण कर लिया। अधिकारियों का कहना था कि रिसोर्ट के संचालन के लिए किसी भी विभाग से कोई अनुमति नहीं ले रखी थी। यूआइटी, नगर निगम, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, आबकारी विभाग, जीएसटी विभाग सभी की स्वीकृतियों को दरकिनार कर कॉमर्शियल गतिविधियां पिछले कुछ सालों से चल रही थी।
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नोटिस में लिखा अंतिम चेतावनी
दिव्या मित्तल व सुमित जाट के नाम से यूआइटी ने दो नोटिस जारी किए। ये नोटिस 23 फरवरी को ही जारी किए गए। किसी के भी द्वारा नहीं लेने पर यूआइटी ने 24 घंटे पहले ही इन्हें वहां चस्पा किए थे। नोटिस में उन्होंने अंतिम चेतावनी लिखी कि आपको फॉर्म हाउस के पट्टे जारी किए गए, लेकिन आपने बिना रूपातंरण एवं बिना भू-उपयोग परिवर्तन करवाए व्यावसायिक उपयोग किया। बिना स्वीकृति यहां किया गया निर्माण अवैध है। उक्त निर्माण को हटाकर रिपोर्ट पेश करे। मियाद गुजरने के बाद भवन को तोडऩे या सीज की कार्रवाई की जाएगी।
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