
मानसिक तनावों से सहज मुक्ति दिलाता है पर्युषण महापर्व : प्रफुल्लप्रभा
उदयपुर. विवेक ही जीवन में जागृति का शंखनाद फूंक देता है। पर्यूषण महापर्व विवेक जागरण करता है। इससे सारा जीवन प्रतिदिन, प्रतिपल आध्यात्मिक आनन्द का उत्सव बनता है। जन-जन के मन में विवेक जागृति की ज्योति जगती है। पर्यूषण महापर्व मानसिक तनावों से सहत मुक्ति भी दिलाता है।ये विचार आयड़ तीर्थ पर पर्यूषण पर्व के दौरान धर्मसभा में साध्वी प्रफुल्लप्रभा और वैराग्यपूर्णा ने व्यक्त किए। महासभा के महामंत्री कुलदीप नाहर ने बताया कि आयड़ तीर्थ के आत्म वल्लभ सभागार में सुबह 7 बजे दोनों साध्वियों के पर्यूषण महापर्व के तहत आरती, मंगल दीपक, सुबह सर्व औषधी से महाअभिषेक एवं अष्ट प्रकार की पूजा-अर्चना की गई। महासभा के अध्यक्ष तेजसिंह बोल्या ने बताया कि पर्यूषण महापर्व के तहत तपागच्छ की उद्गम स्थली आयड़ तीर्थ पर धर्म-ध्यान, पूजा, पाठ, सामायिक, तप व तपस्या आदि में बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़ रहे हैं। चातुर्मास संयोजक अशोक जैन ने बताया कि आयड़ जैन तीर्थ पर पर्यूषण महापर्व के तहत प्रतिदिन सुबह 9.15 बजे से प्रवचन हो रहे हैं।
सच्चा मित्र वही जो हमें बुरी संगतों से बचाएं : सुकनमुनि
जीवन में मैत्री के बिना काम नहीं चल सकता। बिना मित्र के जीवन अधूरा होता है। सच्चा मित्र वही जो हमें बुरी संगतों से बचाए और हमेशा सही मार्ग दिखाएं। सच्चा मित्र वही होता है जो हमारे सुख-दुख में काम आए। सच्चा मित्र वही जो हमारी परेशानी दूर करने के लिए खून-पसीना एक कर दे। ये विचार पंचायती नोहरे में प्रवर्तक सुकन मुनि ने गुरुवार को व्यक्त किए। उनके सानिध्य में पर्यूषण का तीसरा दिन मैत्री दिवस के रूप में मनाया गया।इससे पूर्व डाॅ. वरुण मुनि ने अनगढ सूत्र महाग्रंथ का वाचन किया। इसके साथ ही विभिन्न धार्मिक एवं मांगलिक कार्यक्रम हुए। श्राविका महासंघ की और से कौन बनेगा ज्ञानी एवं संस्कृति ज्ञान प्रतियोगिता हुई। प्रथम द्वितीय एवं तृतीय स्थान पाने वालों को पुरस्कार प्रदान किए गए।
पर्युषण पर्व आत्मशुद्धि का पर्व
श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ की ओर से सेक्टर-11 िस्थत श्री अमर जैन साहित्य संस्थान में महाश्रमण जिनेन्द्र मुनि के सानिध्य में हो रही है। धर्मसभा में गुरुवार को मुनि ने कहा कि यह पर्व आध्यात्मिक शुद्धि का पर्व है। इसमें तप, जप, दान पुण्य के द्वारा आत्मोन्नति की ओर अग्रसर होना चाहिए। तपस्वी प्रवीण मुनि ने मोक्ष प्राप्ति हेतु कषायों पर विजय प्राप्त करने के सम्बन्ध में प्रवचन दिया। प्रतिदिन अंतगढ सूत्र का वाचन किया जा रहा है। यहां आठों दिन अखंड नवकार मंत्र का जाप चल रहा है तथा शुक्रवार को संस्थान में सजोड़े नवकार मंत्र के जाप का कार्यक्रम होगा। इसके अतिरिक्त प्रतिदिन प्रश्नोतरी प्रतियोगिता श्री महावीर जैन श्वेताम्बर महिला मण्डल सेक्टर 11-13 की श्रीमती चंचल कुम्भट, निर्मला मेहता एवं मंजु सेठ द्वारा करवाई जा रही है।
सामायिक श्रावकों की महत्वपूर्ण साधना : मुनि सुरेश
लाभ अलाभ ,सुख दुःख ,निंदा प्रशंसा, जीवन मरण के बीच सम्भाव ओढ़ लिया तो मोक्ष के बंद दरवाजे स्वयं खुल जाते हैं। ये विचार सामायिक दिवस पर धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनि सुरेश कुमार ने महाप्रज्ञ विहार में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि सामायिक जैन श्रावक की महत्वपूर्ण साधना पद्धति है। 48 मिनट की इस साधना में हम मन, वाणी, और आत्मा को स्थितप्रज्ञ बना लेते हैं और यही से वीतरागता का प्रारंभ होता है।मुनि संबोध कुमार मेधांश ने भव परंपरा से गुजरते महावीर विषय पर कहा कि पर्युषण परम आराध्य प्रभु महावीर की जीवन यात्रा से स्वयं को भावित और प्रेरित करने का अवसर है। मुनि सिद्धप्रज्ञ ने कहा कि शांतिनाथ के जन्म के पहले रोगों ने आतंक फैलाया था। शांति नाथ का जन्म होने से रोग शांत हो गए इसलिए माता-पिता ने बालक का नाम शांति कुमार रखा। शांति नाथ का जप करने से जहां एक ओर सभी तरह की शांति की प्राप्ति होती है वही दूसरी ओर करोड़ भवो के पाप कर्म खत्म हो सकते हैं।
Published on:
14 Sept 2023 10:01 pm
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