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बस एक कॉल करो आएनटी के अस्पतालों में तैयार मिलेगी डॉक्टर्स टीम

बस एक कॉल करो आएनटी के अस्पतालों में तैयार मिलेगी डॉक्टर्स टीम

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उदयपुर जिले व बाहर से आने वाले मरीजों को दलालों के चंगुल से बचाने व समय पर तत्काल उपचार देने के लिए अब महज एक कॉल पर अस्पताल की टीम तैयार मिलेगी। यह सुविधा तब मिल पाएगी, जब मरीज को रेफर करते ही संबंधित अस्पताल के चिकित्सक या स्टाफ आरएनटी के कंट्रोल रूम पर कॉल करेंगे। इसमें वे मरीज की हिस्ट्री के साथ ही वहां से रवानगी व यहां पहुंचने का संभावित समय बताएंगे। कंट्रोल रूम पर लगी टीम हिस्ट्री के आधार पर संबंधित विभाग के नोडल ऑफिसर या सुपरवाइजर को कॉल कर सूचना देगी तथा मरीज के आने का संभावित समय बताएगी। मरीज के यहां पहुंचते ही चिकित्सक पहले से उपचार के लिए तैयार रहेंगे। क्विक रेस्पॉन्स से मरीज की जान भी बचाई जा सकेगी।
इसके अलावा अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान भी मरीज व परिजनों को किसी भी तरह की शिकायत, समस्या है तो वे वार्ड के बाहर लगे क्यूआर कोड को स्कैन कर कंट्रोल रूम पर ऑनलाइन शिकायत कर सकेगा। इस समस्या का महज आधे घंटे में निस्तारण किया जाएगा। निस्तारण नहीं होने तक यह शिकायत सिस्टम पर शो करती रहेगी। अस्पताल से छुट्टी होने के बाद भी मरीज व तीमारदार को कंट्रोल रूम से कॉल कर अस्पताल की सेवाओं का फीडबैक पूछा जाएगा। इसमें अच्छा व खराब, जो भी फीडबैक मिलेगा उसके आधार पर सेवाओं में सुधार किया जाएगा। इस तरह की व्यवस्था लागू करने वाला आरएनटी मेडिकल कॉलेज प्रदेश का पहला मेडिकल कॉलेज होगा।
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ये अस्पताल जुड़ेंगे
यह व्यवस्था आरएनटी के अधीन समस्त छह अस्पताल पर लागू होगी। इनमें महाराणा भूपाल चिकित्सालय, सुपर स्पेशियलिटी, बड़ी स्थित टीबी चिकित्सालय, हिरण मगरी व अम्बामाता सेटेलाइट हॉस्पिटल, राजकीय पन्नाधाय जनाना चिकित्सालय शामिल हैं।

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हर अस्पताल में नोडल ऑफिसर या सुपरवाइजर

इस व्यवस्था की जिम्मेदारी तय करने के लिए हर अस्पताल में एक नोडल ऑफिसर या सुपरवाइजर नियुक्त किया है। कंट्रोल रूम से सीधा कॉल इनके पास जाएगा। अस्पताल में यह कंट्रोल रूम पुराने जनाना वार्ड के पास ही बने नए भवन डॉ. पोरवाल स्वागत एवं सूचना केन्द्र में चलेगा। यहां समस्त अस्पतालों को सेंट्रल प्रोग्राम मैनेजमेंट यूनिट (सीपीएमयू) से जोड़ा गया है। इसमें एलइडी कीे साथ ही हेल्प डेस्क बनाई गई है। यह कंट्रोल रूम एक सप्ताह के अंदर ही चालू हो जाएगा।

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नम्बर शीघ्र जारी होंगे

इस कंट्रोल रूम में लेंड लाइन नम्बर के साथ ही दो सीयूजी मोबाइल लिए जाएंगे। इनके नम्बर शीघ्र सार्वजनिक किए जाएंगे। कंट्रोल में आने वाली सूचना के आधार पर एक तो समस्त मरीजों को डेटा फीड होगा, वहीं ऑनलाइन केन्द्रीयकृत कार्य होने से मैन पॉवर बचेगा। कंट्रोल रूम में बैठे स्टाफ व नोडल ऑफिसर से बातचीत में काम हो जाएगा, कहीं भी कोई अलग से स्टाफ नहीं रखना पड़ेगा।

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ऑनलाइन सिस्टम से आमजन को ये होंगे तीन फायदे

1 . सभी सरकारी अस्पतालों में क्यूआर कोड होने से सूचना एक ही जगह कंट्रोल रूम पर आएगी। यहां तैनात स्टाफ का काम सिर्फ उस समस्या का समाधान करवाना ही होगा है। इसमें मरीज या तीमारदार स्टाफ, दवाई, साफ सफाई, शौचालय सहित समस्त समस्या की शिकायत ऑनलाइन कर सकेगा।

2 . कंट्र्रोल रूम से जारी होने वाले नम्बर के आधार पर जिले या बाहर के कोई भी अस्पताल के चिकित्सक या स्टॉफ कॉल कर यहां पर मरीज की हिस्ट्री की जानकारी दे सकेगा, जिससे उसे तत्काल इलाज मिल सकेगा।

3 . अस्पताल में भर्ती मरीज या उसके तीमारदार को किसी भी तरह की समस्या होने पर छुट्टी के बाद कंट्रोल रूम से आने वाले फीडबैक कॉल में कोई भी व्यक्ति खुलकर अपने बात रख सकेगा ताकि उस व्यवस्था को सुधारा जा सके।

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आरएनटी मेडिकल कॉलेज में मरीज के तत्काल उपचार व समस्या से संबंधित शिकायतों के लिए कंट्रोल रूम बनाया गया है। इसमें सीपीएमयू के तहत आरएनटी के अधीन समस्त छह अस्पतालों को जोड़ा गया है। ऑनलाइन समस्या समाधान की व्यवस्था शुरू करने वाला आरएनटी प्रदेश का पहला मेडिकल कॉलेज होगा। यह व्यवस्था शीघ्र ही लागू की जाएगी और कंट्रोल रूम के नम्बर सार्वजनिक किए जाएंगे।

डॉ. विपिन माथुर, प्राचार्य, आरएनटी मेडिकल कॉलेज

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