21 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

ये कैसी सहकारिता : सरकार के `बोल’ पर सूचनाएं छिपाने का `खेल’

- सरकार कहती रही, स्वयं सेवी संस्थाएं करती रही `ऑनलाइन' से परहेज - सहकारिता से जुड़ी राजस्थान में कुल 259582 संस्थाएं पंजीकृत - केवल 1 लाख 23 हजार 918 संस्थाओं ने किया ऑनलाइन अपडेशन व ई प्रोफाइलिंग

2 min read
Google source verification
ngo_sc_1.jpg

सरकार कहती रही, स्वयं सेवी संस्थाएं करती रही `ऑनलाइन' से परहेज

सहकारिता विभाग के अन्तर्गत नियमानुसार हर पंजीकृत स्वयंसेवी संस्था को अपनी हर जानकारी ई-प्रोफाइल के जरिए ऑनलाइन करनी अनिवार्य है, लेकिन ये संस्थाएं हैं जो मनमर्जी से विभागीय नियमों को ताक में रखकर ऑनलाइन से परहेज कर रही है। वह अपनी जानकारियां विभाग से छिपाती हैं, तो समय पर अपने वार्षिक ऑडिट की जानकारी भी विभाग तक नहीं पहुंचाती।

राजस्थान संस्था पंजीकरण अधिनियम 1958 के अंतर्गत राजस्थान में कुल 259582 संस्थाएं पंजीकृत हैं। इनमें से कुल 135664 की सूचनाएं एवं प्रविष्टियां विभागीय पोर्टल पर ऑनलाईन नहीं हैं, जबकि 1 लाख 23 हजार 918 संस्थाओं ने जानकारियां ऑनलाइन की है।

-----

सरकार कहती रही, लेकिन नहीं रेंगी कान पर जू ....सरकार बार-बार इन संस्थाओं को अपनी सूचनाएं व ऑडिट को ऑनलाइन करने के लिए बार-बार निर्देशित करती रही है, लेकिन ये संस्थाएं हैं, कि इनकी कान पर जू नहीं रेंग रही, इस पर सरकार की दलील है कि इन संस्थाओं को ऑनलाइन के लिए निर्देश दिए जा सकते हैं, लेकिन किसी हाल में बाध्य नहीं किया जा सकता।

----

ऐसे सरकार ने जारी किए आदेश

- पंजीकृत संस्थाओं की सूचनाएं एवं प्रविष्टियां पोर्टल पर ऑनलाइन करने के सरकार ने निर्देश जारी किए थे। सहकारिता विभाग ने दिनांक 18.11.2019 को इस संबंध में विस्तृत निर्देश जारी किए। वहीं 31 दिसम्बर 2019 तक जानकारियां अपलोड करने के लिए भी कहा गया। सहकारिता विभाग द्वारा 29.09.2022 को विभागीय पोर्टल पर प्रोफाईलिंग के क्रम में आने वाली समस्याओं के निदान के लिए आदेश जारी किए गए।

------

विभाग बोला नहीं कर सकते बाध्य:

विभाग द्वारा शेष पंजीकृत संस्थाओं की सूचनाएं विभागीय पोर्टल पर अपलोड करने के प्रयास करना बताया, लेकिन अधिनियमानुसार संस्थाओं को बाध्य नहीं करने की बात कही। विभाग अब राजस्थान सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1958 की धारा 4 एवं 4 (क) के अनुसार ही ई-प्रोफाइलिंग के लिए सूचनाएं मांग रहा है।

-------

ये होता है काम:ये पंजीकृत संस्थाएं जन कल्याणकारी कार्य करती है, कई बार विभागीय टेंडर्स लेने या किसी भी सरकार की योजना को लागू करने के लिए मैन पॉवर उपलब्ध करवाने व जन सुधार के लिए कार्य करती है। सरकार की ओर से कई संस्थाओं को ग्रांट या एड दी जाती है। इन संस्थाओं को वह राशि जन सुधार में खर्च करनी होती है।

-----

इनके खिलाफ कार्रवाई का अधिकार हमें नहीं है। हमें सीमित अधिकार है, सरकार की ओर से जो भी ग्रांट देती है, उसकी जानकारी विभाग को नहीं रहती है। वार्षिक ऑडिट की एक कॉपी हमें नियमानुसार देनी होती है, लेकिन अधिकांश संस्थाएं हमें नहीं देती है। हम तो केवल कह सकते हैं।

जयदेव देवल, उप रजिस्ट्रार सहकारी समितियां उदयपुर