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Success Story: लंदन की नौकरी छोड़ उदयपुर लौटे साहिल की कहानी उन युवाओं के लिए मिसाल.. जो नौकरी को मंजिल नहीं मानते

Success Story: लंदन की नौकरी छोड़ उदयपुर लौटे साहिल भादविया आज युवाओं के लिए मिसाल बन गए हैं। कोरोनाकाल में घर लौटना उनके जीवन का टर्निंग पॉइंट साबित हुआ।

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Sahil Bhadavia

साहिल भादविया (फोटो-पत्रिका)

उदयपुर। शहर के साहिल भादविया उन युवाओं के लिए एक मिसाल हैं, जो मजबूरी में नौकरी के लिए घर छोड़ते हैं। मन में कुछ अलग और बेहतर करने का सपना संजोए रखते हैं। साहिल की कहानी बताती है कि अगर सीखने की ललक हो और सही समय पर जोखिम उठाने का साहस तो नौकरी से आगे भी एक बड़ी दुनिया इंतजार कर रही होती है।

साहिल ने 2011 में उदयपुर सीटीआइ से इंजीनियरिंग पूरी की। पढ़ाई के बाद उन्हें टीसीएस में नौकरी मिली। दो साल पुणे में रहे। करियर को और मजबूती देने के लिए 2013 में एमबीए किया। मेहनत रंग लाई और वर्ष 2015 में इन्फोसिस में डेटा एनालिटिक्स के क्षेत्र में जॉब मिल गई। लगातार अच्छे पैकेज और आकर्षक ऑफर उनके करियर का हिस्सा बनते चले गए।

ऐसे बदली साहिल की जिंदगी

जब कमाई शुरू हुई, तो साहिल के मन में एक सवाल उठा कि पैसे को सही तरीके से इनवेस्ट कैसे किया जाए? उन्होंने लोगों से पूछा, लेकिन संतोषजनक जवाब नहीं मिला। यहीं से उनके जीवन की दिशा बदलने लगी। साहिल ने खुद सीखने का फैसला किया। उन्होंने वॉरेन बफे जैसे दिग्गज निवेशकों की किताबें पढ़ीं, उनके भाषण सुने और फाइनेंशियल नॉलेज को गहराई से समझा। जॉब के साथ-साथ उन्होंने अपनी एक्स्ट्रा स्ट्रेंथ तैयार करनी शुरू कर दी।

जाने वाले थे जेनेवा

साल 2018 से 2020 तक साहिल लंदन में रहे। अगला प्रोजेक्ट जेनेवा में प्रस्तावित था, लेकिन तभी चीन से कोरोना की खबरें आने लगीं और यात्रा रद्द हो गई। कोरोनाकाल में घर लौटना जीवन का टर्निंग पॉइंट साबित हुआ। उन्हें लगा कि कब तक सिर्फ नौकरी करते रहेंगे। समाज के लिए भी कुछ करने का समय आ गया है। तभी उनके मन में विचार आया क्यों न लोगों को फाइनेंस के प्रति जागरूक किया जाए।

इंटरनेट की ताकत से बदली पहचान

घर लौटते ही साहिल ने जॉब छोड़ने का निर्णय लिया। कोरोनाकाल में घर बैठे अपना वीडियो चैनल शुरू किया। लोगों को बचत, खर्च और निवेश की सही समझ देने लगे। इंटरनेट की ताकत ने उनके विचारों को लोगों तक पहुंचाया। धीरे-धीरे प्रयास रंग लाने लगा। कंपनियों से ऑफर आने लगे। आज वे देश की कई बिजनेस कंपनियों से जुड़े हैं। साहिल अब एक जाने-माने फाइनेंशियल मैनेजमेंट गुरु बन चुके हैं। वे सेबी से भी रजिस्टर्ड हैं। साहिल के सोशल प्लेटफार्म पर साढ़े पांच लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। उनके पिता सुरेश भादविया रिटायर्ड बैंकर हैं।

कमाई भी, सुकून भी

साहिल का मानना है कि हर व्यक्ति पैसे कमाना और बेहतर जीवन जीना चाहता है, पर नौकरी की मजबूरी में कई लोग अपने परिवार और माता-पिता को समय नहीं दे पाते। वे कहते हैं कि जॉब के साथ ऐसी स्किल सीखनी चाहिए, जो स्वतंत्रता भी दे और आनंद भी। साहिल ने फाइनेंशियल मैनेजमेंट को अपनी ताकत बनाया। आज वे घर बैठे अच्छा पैसा कमा रहे हैं, अपने दादा-दादी और माता-पिता के साथ समय बिता रहे हैं और जीवन को पूरी तरह एंजॉय कर रहे हैं। साहिल की कहानी उन युवाओं के लिए संदेश है, जिनके लिए नौकरी मंजिल नहीं, बल्कि सीखने का एक पड़ाव हो सकती है। हौसला हो, तो उससे आगे की राह खुद बनाई जा सकती है।


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