
Farmers Strike
उदयपुर। राज्य सरकार फिर से किसानों के साथ वादा खिलाफी कर रही है। खेती के लिए रोजाना 8 घंटे बिजली देने का वादा करने के बावजूद लगातार विद्युत कटौती जारी है। खेतों में रबी फसल की बुवाई चल रही है, इसके बावजूद किसानों को केवल 5 घंटे ही बिजली दी जा रही है। इसमें भी कभी कहीं तो कभी कहीं पर कटौती की जा रही है।
इससे खेतों की पड़त ढंग से नहीं हो पा रही है। इसका असर बुवाई पर पड़ सकता है। सितंबर में किसान आंदोलन के दौरान मंत्रिमंडलीय उपसमिति ने भारतीय किसान संघ के प्रतिनिधियों और अन्य किसान संगठनों के प्रतिनिधियों से रबी फसल में खेती के लिए 8 घंटे बिजली देने का वादा किया था। बाद में ऊर्जा मंत्री पुष्पेन्द्र सिंह ने भारतीय किसान संघ के प्रतिनिधियों से वादा किया था कि सरकार दीपावली के तुरंत बाद खेती के लिए रोजाना आठ के बजाय 7 घंटे बिजली देगी, लेकिन वर्तमान में 5 घंटे ही बिजली आपूर्ति की जा रही है। उसमें भी कटौती जारी है।
केन्द्र खोले, पर फसलों की खरीद नहीं
किसान संगठनों के प्रतिनिधियों का कहना है कि सरकार ने आंदोलन के समय घोषणा की थी कि प्रदेश में अक्टूबर में समर्थन मूल्य पर जिंसों की खरीद शुरू कर दी जाएगी। सरकार ने 5 अक्टूबर से खरीद केन्द्र तो खोल दिए, लेकिन घटिया क्वालिटी का बहाना बनाकर किसानों से उड़द, सोयाबीन, मूंग,मूंगफली आदि की खरीद नहीं कर रही है। किसानों को भारी नुकसान उठाते हुए औने-पौने दाम पर अपनी उपज बेचनी पड़ रही है।
आंदोलन की तैयारी शुरू
ऊर्जा मंत्री पुष्पेन्द्र सिंह ने 17 अक्टूबर को वार्ता में विश्वास दिलाया था कि खेती के लिए रोजाना 8 घंटे बिजली दी जाएगी, लेकिन 5 घंटे ही बिजली आपूर्ति की जा रही है, उसमें भी लगातार कटौती की जा रही है। खरीद केन्द्रों पर जिंसों की क्वालिटी घटिया बताकर खरीद नहीं की जा रही है। इसके विरोध में कलक्टरों को ज्ञापन सौंपे हैं और आंदोलन की तैयारी शुरू कर दी है।
कैलाश गंदोलिया, प्रदेश महामंत्री भारतीय किसान संघ
नहीं दिए कृषि कनेक्शन
सितंबर में हुए आंदोलन के दौरान गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया, कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी, सहकारिता मंत्री अजय सिंह किलक, राजस्व मंत्री अमराराम तथा भारतीय किसान संघ के प्रतिनिधियों के बीच बातचीत में कटारिया ने कहा था कि किसानों को 8 घंटे बिजली दी जाएगी तथा जिन कृषि कनेक्शनों की डिमांड राशि मार्च से मई तक जमा हो चुकी है, उन्हें सितंबर तक कृषि कनेक्शन दे दिए जाएंगे। 50 हजार नए कनेक्शनों की डिमांड और निकाली जाएगी, लेकिन डिमांड राशि जमा करवा चुके किसानों को कनेक्शन नहीं दिए है।
यह है अंतर
उपज----------समर्थन मूल्य----------बाजार मूल्य
उदड़----------5400---------------2500-3000
मूंग-----------5575--------------3300
मूंगफली-------4200--------------3000-3200
सोयाबीन------3050--------------2200-2600
Published on:
27 Oct 2017 09:16 am
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