
World Tourism Day: उदयपुर। हमारा शहर विरासतों और धरोहरों के मामले में हमेशा से समृद्ध रहा है। यहां की 4000 हजार वर्ष पुरानी आयड़ नदी, जहां आहाड़ सभ्यता ने जन्म लिया वो किसी अमूल्य संपदा से कम नहीं है। ऐतिहासिक सास-बहू मंदिर, जगत मंदिर, एकलिंगजी मंदिर धार्मिक विरासतें हैं तो गणगौर, गवरी की सांस्कृतिक विरासतें यहां की पहचान हैं।
वर्ष 2021 में बंगाल की दुर्गा पूजा को अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर के रूप में यूनेस्को सूची में शामिल किया है। हाल ही गुजरात की गरबा परंपरा को भी इसमें स्थान मिला है। ऐसे में मेवाड़ के गणगौर उत्सव को देखा जाए तो ये भी यहां की समृद्ध परंपरा को दर्शाता है। होली के अगले दिन से ही गणगौर की पूजा शुरू हो जाती है।
महोत्सव के प्रचार-प्रसार के लिए व इसके माध्यम से पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन विभाग ने महोत्सव का आयोजन शुरू किया। अब उदयपुर का गणगौर उत्सव देश-विदेश में मशहूर है। इसी तरह आदिवासी लोक संस्कृति का परिचायक गवरी नाट्य राखी के अगले दिन से शुरू हो जाता है।
वनवासियों के सवा मासी लोक नाट्य अनुष्ठान गवरी में पौराणिक घटनाओं के साथ मौजूदा पुलिस प्रशासन, समाज की व्यवस्थाओं का मंचन कर वनवासी कलाकार 40 दिन तक दर्शकों का मनोरंजन करते हैं।
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किसी भी हेरिटेज साइट या शहर का दर्जा देने के लिए पहले यूनेस्को की टीम आकर सर्वे करती है। मापदंडों के अनुसार वो स्थल या शहर खरा उतरता है या नहीं इस बात की जांच की जाती है। वैसे, शहर में कई विरासतें हैं। इसके लिए पर्यटन विभाग पूर्व में पत्र लिख चुका है।
इसके तहत गुलाबबाग में बनी बावड़ियां व वॉल सिटी काे हेरिटेज साइट में शामिल करने व गवरी व गणगौर पर्व को अमूर्त विरासत के रूप में शामिल करने पत्र लिखे जा चुके हैं। - शिखा सक्सेना, उपनिदेशक, पर्यटन विभाग उदयपुर
पूरे विश्व में सबसे अधिक गौरवशाली इतिहास उदयपुर का रहा है। उदयपुर शहर में बहुत सारी ऐतिहासिक, पुरातात्विक धरोहरें हैं तो भौगोलिक व सांस्कृतिक धरोहरें भी हैं।
इन सबके संरक्षण व संवर्द्धन के लिए यूनेस्को से बेहतर कोई नहीं हो सकता है। इसलिए उदयपुर को यूनेस्को विश्व धरोहर का दर्जा दिया जाना चाहिए। - सुदर्शन देव सिंह कारोही, अध्यक्ष, होटल एसोसिएशन उदयपुर
उदयपुर अपने आप में समृद्ध विरासत का उदाहरण है। उदयपुर में कई महल और हवेलियां हैं, जो राजस्थान की समृद्ध विरासत को दर्शाती हैं। यहां की प्रसिद्ध झीलें, पहाड़ प्राकृतिक धरोहर हैं तो भू व पुरातात्विक खजाना भरा है। - उषा शर्मा, सचिव, होटल एसोसिएशन उदयपुर
‘यूनेस्को विश्व धरोहर शहर’ के रूप में मान्यता मिलने से उदयपुर विश्वभर में एक प्रमुख सांस्कृतिक व ऐतिहासिक तीर्थ के रूप में प्रचारित हो सकेगा। उदयपुर की ऐतिहासिक धरोहरों महल, स्मारक, मंदिर, बावड़ियों सहित विभिन्न धरोहर है। इन सब को देखते हुए उदयपुर को हेरिटेज सिटी का दर्जा दिया जाना चाहिए। - डॉ. पृथ्वीराज चौहान, होटल उद्यमी
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Updated on:
27 Sept 2024 02:33 pm
Published on:
27 Sept 2024 02:31 pm
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