उज्जैन. शहर में स्थित एक-एक भवन, दुकान, भूखंड व अचल संपत्ति की वास्तविक कुंडली तैयार होगी। नगर निगम प्राइवेट टेंडर निकालकर एजेंसी के जरिए ये रिकॉर्ड जुटाएगा। सभी 54 वार्डों में प्रत्येक भवन की फोटोग्राफी होगी और कहां कितनी मंजिल का निर्माण है। इसकी रजिस्ट्रर में इंट्री होगी। संपत्तिकर से वास्तविक राजस्व प्राप्त करने के जतन में ये एक्शन प्लान तैयार हुआ है। शहर में पहली बार संपत्तियों का भौतिक सर्वे कराया जाएगा। रिकॉर्ड अनुसार शहर में 1.02 लाख संपत्तियां हंै। इनमें से कई जगह नई बिल्डिंग, निर्माण व भौगोलिक बदलाव हो गए हैं, लेकिन निगम को संपत्तिकर सालों पुराने मान से ही मिल रहा है। कई बार संपत्तिकर अमले ने सर्वे भी किया, लेकिन रिकॉर्ड दुरुस्ती नहीं होने कारण निगम को वास्तविक राजस्व नहीं मिल रहा। इसके चलते निगम अब प्राइवेट एजेंसी से सभी संपत्तियों का सर्वे करवा रहा है।
हजारों भवनों में गड़बड़ी का राजस्व : शहर में हजारों भवन, भूखंड व दुकानें ऐसी हैं, जहां से निगम को आधा से भी कम संपत्तिकर प्राप्त होता है। कारण है सालों पुराने रिकॉर्ड में संशोधन या दुरुस्तीकरण नहीं होना। बाबू भी पुराने मान से ही कर वसूल लेते हैं। इसलिए नया सर्वे होने के बाद वास्तविक रिकॉर्ड जुटाया जाएगा और लोगों से पेनल्टी सहित राजस्व वसूली होगी।
उपयोग व्यावसायिक और कर दे रहे घरेलू: सैकड़ों संपत्तियां ऐसी भी है, जिनका उपयोग तो व्यवसायिक हो रहा है, लेकिन इनसे निगम को संपत्तिकर घरेलू मान से मिलता है। नए सर्वे में ये झूठ पकड़ में आएगा और ऐसे संपत्तिधारकों से सही कर वसूला जाएगा। हाल ही में निगमायुक्त डॉ. विजय कुमार जे. ने जोन अधिकारियों को ये निर्देश भी दिए थे।
ये है प्लानिंग और इसके फायदे
- निगम प्राइवेट एजेंसी को काम देगा। संपत्तिकर रिकॉर्ड अनुसार वे घर-घर जाकर फोटोग्राफी कर नया सर्वे जुटाएंंगे।
- वार्डवार नया डाटा डेवलप होगा। प्रत्येक जोन में वार्डों से संबंधित संपत्ति नया डाटा कम्प्यूटर पर अपलोड होगा।
- पुराने रिकॉर्ड व नए सर्वे में संपत्ति में जितना अंतर आएगा। उसकी गणना होगी, संबंधित भवन स्वामियों से पेनल्टी सहित नई गणना से कर वसूली होगी।
- यदि वास्तविक सर्वे हुआ और रिकॉर्ड दुरुस्ती इसी मान से हुई तो हर सालों निगम को करोड़ों रुपए की अतिरिक्त आय शुरू हो जाएगी।
- निगम ने टेंडर तैयार कर लिया है। जल्द ही एजेंसी अनुबंधित करने ऑनलाइन टेंडर जारी होगा।