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महाकाल लोक के बाद अब क्षेत्र से सप्त ऋषि प्रतिमाएं गायब! रात २.४५ बजे ट्राले से रवाना

श्री महाकाल लोक में आंधी से खंडित मूर्तियों का मामला: पत्रिका ने पूछा तो नहीं दिया जवाब

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उज्जैन. आंधी से खंडित हुई सप्त ऋषियों की प्रतिमाओं को महाकाल लोक के बाद अब महाकाल क्षेत्र से ही हटा दिया गया है। बुधवार रात इन प्रतिमाओं को ट्राले के जरिए अन्यत्र शिफ्ट कर दिया गया। रात २.४५ बजे नानाखेड़ा चौराहे पर एक ट्राला इंदौर जाने की दिशा में खड़ा था। ट्राले पर सप्त ऋषि की दो प्रतिमाएं रखी थी। ‘पत्रिकाÓ ने वहां मौजूद व्यक्ति से पूछा कि प्रतिमाओं को कहां ले जाया जा रहा है, तो उसने पहले चुप्पी साध ली और फिर वहां से भाग गया।

हंगामा मचा तो शुरू किया रंगरोगन
सप्त ऋषियों की प्रतिमाएं पार्किंग में भी नहीं हैं। जिम्मेदारों से सवाल किए तो किसी ने भी जवाब नहीं दिया। इधर, श्री महाकाल लोक में स्ट्रक्चर उखड़ रहे हैं। यहां बने चबूतरे पर लगे पत्थर अपनी जगह छोड़ रहे हैं। एफआरपी के साथ पत्थर की कुछ प्रतिमाएं क्रेक हो रही हैं। श्री महाकाल लोक के कार्यों की गुणवत्ता कठघरे में आ गई है। भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर विपक्ष आक्रामक है। बवाल मचने के बाद जिम्मेदारों ने आधे अधूरे और गुणवत्ताहीन कार्यों की सुध लेना पड़ी है। ‘पत्रिकाÓ ने खराब स्थिति उजागर की तो गुरुवार को प्रतिमाओं का फिर से रंगरोगन शुरू किया गया।
कांग्रेस जांच समिति ने महाकाल को किया पत्र भेंट
भ्रष्टाचार की जांच हो… दोषी अफसर हो बर्खास्त
महाकाल लोक में सप्तऋषियों की प्रतिमाओं के खंडित होने का मामला राजनीतिक रंग में गहराता जा रहा है। मंगलवार को कांग्रेस की जांच समिति ने घटना की जमीनी पड़ताल की, वहीं गुरुवार को फिर भोपाल से कांग्रेस का एक जांच दल उज्जैन पहुंचा। इन्होंने बाबा महाकाल को पत्र भेंट कर उनसे महाकाल लोक निर्माण में हुए भ्रष्टाचार की जांच के साथ दोषी अफसरों के बर्खास्तगी की कामना की। शहर कांग्रेस अध्यक्ष रवि भदौरिया ने बताया १ जून गुरुवार को भोपाल से प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा गठित 6 लोगों का एक दल उज्जैन आया। दल में प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता गण ने महाकाल लोक का अवलोकन किया। दल में सिद्धार्थ राजावत, अभिनव बारोलिया, कुंदन पंजाबी, प्रवीण ढोलपुरे, राहित नायक, राम पांडेय, विनय राजपूत तथा यशवंत राजपूत शामिल रहे। इन्होंने शहर कांग्रेस अध्यक्ष के साथ महाकाल लोक का अवलोकन कर महाकाल को सीएम को सद्बुद्धि देने व भ्रष्ट अफसरों के बर्खास्तगी वाला पत्र भेंट किया। भदौरिया ने बताया अवलोकन के दौरान त्रिवेणी मंडपम में एक गुंबद (कंगुरा) नीचे गिर गया। इस दौरान दो व्यक्ति वहीं खड़े थे, जिनके वहां से हटने और गुम्बद गिरने में सिर्फ 30 सेकंड का फर्क रहा। घटिया मटैरियल से इन गुम्बद को चिपकाया गया, जो श्रद्धालु के लिए खतरा है।