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मंदिरों से निकलने वाले फूल-पत्तियों से बनेगी अगरबत्ती, धूपबत्ती, महकेंगे उज्जैन के देवालय

धर्मस्थलों पर रिसाइकल करने वाला पहला शहर महाकाल की नगरी उज्जैन, नई यूनिट स्वयं सहायता समूह चलाएंगे,

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Ujjian news

Ujjain News: मंदिरों से निकलने वाले फूल-पत्तियों (निर्माल्य) अगरबत्ती और धूपबत्ती बनकर मंदिरों में महकेंगे। इससे रोज चारकोल रहित 250 किलोग्राम प्राकृतिक अगरबत्ती और अन्य पूजन सामग्री बनेगी। धर्म स्थलों के वेस्ट को बड़े पैमाने पर रिसाइकिल करने वाला उज्जैन प्रदेश का संभवत: पहला शहर होगा। नई यूनिट स्वयं सहायता समूह चलाएंगे।

5 टन निर्माल्य से 90 किलो उत्पादन

स्मार्ट सिटी ने पुष्पांजलि इको को निर्माल्य से सामग्री बनाने का काम सौंपा। महाकाल, हरसिद्धि, चिंतामण गणेश, काल भैरव, मंगलनाथ सहित 7 मंदिरों के 5 टन निर्माल्य से 90 किलो अगरबत्ती, धूपबत्ती, हवन कप बनाए जा रहे हैं।

यह भी खास

उज्जैन से रोज 12 टन निर्माल्य, अभी 50% से ही बन रही सामग्री।

निर्माल्य सुखाकर पाउडर, बनाने में लगते हैं 22 दिन।

उज्जैन में राष्ट्रपति ने भी नवाचार की सराहना की।

सीएम के निर्देश पर अब निगम नए प्लांट लगा रहा है।

छोटी यूनिट भी लगेगी।

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