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Flood In MP: उज्जैन की क्षिप्रा नदी में बाढ़, कई मंदिर पानी में डूबे, प्रशासन अलर्ट

लगातार बारिश से क्षिप्रा में बड़ गया जल स्तर, गंबीर डैम के भी गेट खुलने से निचली बस्तियों में बढ़ गया खतरा...।

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उज्जैन शहर के भीतर से गुजरती है क्षिप्रा नदी, इसलिए खतरा ज्यादा।

उज्जैन। पूरे सावन की खंड वर्षा के बाद अब विदाई में तीन दिन से वर्षा की झड़ी लगी हुई है। इससे क्षिप्रा नदी जल राशि से सराबोर होकर तेज गति से प्रवाहमान है। इधर, इंदौर और आसपास भी तेज बारिश का दौर जारी है। इसके चलते गंभीर डैम के गेट लगातार दूसरे दिन भी खुले रहे। डैम में सालभर की पेयजल व्यवस्था बनाए रखना का पानी आ गया है। शुक्रवार को भी लगातार पानी बढ़ने से प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है।

8 अगस्त की रात से शुरू हुई मानसूनी झड़ी में 9 अगस्त की शाम तक 51 मिमी, 10 अगस्त को 43.4 मिमी तथा 11 अगस्त को 20.6 मिमी वर्षा दर्ज की गई। इस प्रकार उज्जैन में अब तक 596 मिमी मतलब 23.46 इंच बारिश हो चुकी है। मौसम विभाग ने 13 से फिर झड़ी लगने के संकेत दिए हैं।

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बता दें कि मंगलवार, बुधवार की बारिश से बुधवार को क्षिप्रा का जलस्तर इतना बढ़ा कि पानी बड़े पुल की ऊंचाई को पार कर गया। गुरुवार को भी क्षिप्रा में जलस्तर काफी बढ़ा हुआ दिखा। लगातार बारिश से दिन का पारा भी गिरते-गिरते अब 25 डिग्री तक आ पहुंचा, जिससे मौसम में ठंडक घुल गई।

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फुहारों में मना पर्व

गुरुवार सुबह से ही रिमझिम बारिश का दौर चलता रहा। रक्षाबंधन पर पूरे दिन बारिश होती रही। फुहारों के बीच भाई-बहन के प्रेम का त्योहार मना।

बंगाल की खाड़ी में नए सिस्टम से फिर लगेगी झड़ी

मौसम विभाग की मानें तो बंगाल की खाड़ी में एक और नया सिस्टम बन रहा है। 13 अगस्त को यह अपना पूरा रूप ले लेगा, जिससे 13 की शाम से फिर बारिश की झड़ी लगेगी। मौसम विभाग से जारी पूर्वानुमान में बताया गया कि वर्तमान में सौराष्ट्र के ऊपर सुस्पष्ट निम्न दाब क्षेत्र समुद्र तल से 7.6 किमी की ऊंचाई पर सक्रिय है, जबकि पूर्वी मध्य प्रदेश ऊपर निम्न दाब क्षेत्र के दुर्बालांश मानसून ट्रफ के साथ मिल चुके हैं। मानसून ट्रफ स्पष्ट निम्न दाब क्षेत्र से लेकर अहमदाबाद, रायसेन, सीधी, रांची, पुरुलिया और दीघा से होते हुए उत्तरी बंगाल की खाड़ी तक बना हुआ है।

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