
महाकाल कॉरिडोर का ये अद्भुत नजारा आपको कर देगा हैरान, जानिए कैसे सबसे खास है ये कॉरिडोर
उज्जैन. भूतभावन बाबा महाकाल का आंगन 750 करोड़ रुपए से संवर रहा है। 315 करोड़ रुपए से अधिक के पहले चरण का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। इसके अंतर्गत 900 मीटर से अधिक लंबा महाकाल कॉरिडोर भी बनकर तैयार हो गया है। 108 स्तंभ और 190 मृर्तियों समेत अन्य कई विशेषताओं से सज्जीत कॉरिडोर की छटा देखने योग्य है। यहां की गई लाइटिंग रात में इसकी खूबसूरती में चार चांद लगा देती हैं।
इस अद्वितीय दृश्य के कारण ही महाकाल कॉरिडोर का ये वीडियो काफी चर्चा में है। इसे देखने के बाद हर कोई अब इस खूबसूरती को अपनी आंखों से साक्षात निहारने की चाह रख रहा है। 11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उज्जैन आकर महाकाल कॉरिडोर और प्रथम चरण के अन्य कार्यों का लोकार्पण करेंगे। इसके बाद ये कॉरिडोर आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा।
9000 मीटर का कॉरिडोर काशी विश्वनाथ से तीन गुना बड़ा है
प्रधानमंत्री द्वारा इससे पहले काशी विश्वनाथ मंदिर के करीब 300 मीटर लंबे कॉरिडोर का लोकार्पण किया गया था। महाकाल कॉरिडोर काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर से तीन गुना बड़ा, 900 मीटर से अधिक लंबा है। कॉरिडोर में प्रवेश के दो नंदी द्वार बनाए गए हैं। कॉरिडोर समेत मृदा प्रोजेक्ट पूर्ण होने के बाद महाकाल मंदिर का 2 हेक्टेयर का वर्तमान परिसर 10 गुना बढ़कर 20 हेक्टेयर का हो जाएगा। इससे दर्शन व्यवस्था भी सुलभ होगी।
जानिए कैसे सबसे खास है महाकाल कॉरिडोर
- महाकाल कॉरिडोर अद्वितीय धार्मिक कॉरिडोर हैं।
- यहां एक ही परिसर में भगवान शिव के 190 स्वरूप नजर आएंगे।
- कॉरिडोर में शिव तांडव, शिव विवाह आदि को भी बेहद खूबसूरती के साथ प्रमिताओं के जरिए प्रस्तुत किया गया है।
- कॉरिडोर में 108 स्तंभ हैं, जो लाइटिंग के साथ ही अत्याधुनिक कैमरों से लेस हैं। इनपर भी कलाकृतियां उकेरी हैं।
- शिव थीम पर 800 मीटर की म्यूरल वॉल बनाई है।
- कॉरिडोर 2 भाग में है। एक भाग 3-3 मीटर के दो रोड पैदल चलने के लिए और 6 मीटर का रोड ई-कार्ड के लिए है।
- बुजुर्ग, बच्चे और दिव्यांगों के लिए नि:शुल्क ई-कार्ड चलेंगी। अन्य श्रद्धालु कुछ शुल्क देकर लाभ ले सकेंगे।
- परिसर में एक लाख से अधिक छोटे-बड़े पौधे लगाए जा रहे हैं। इनमें शिव प्रिय पौधे और वृक्ष भी हैं।
- दावा है कि, एक घंटे में एक लाख श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे।
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दो फेज में यह काम होंगे
-पहला चरण
शिव अवतार वाटिका, महाकाल वाटिका, श्री महाकालेश्वर पथ, रूद्र सागर तट विकास, नूतन विद्यालय, सरफेज पार्किंग, गणेश विद्यालय परिसर, धर्मशाला, प्रवचन हॉल व अन्न क्षेत्र।
-दूसरा चरण
महाराजवाड़ा परिसर विकास, रूद्रसागर जिर्णोद्धार, पार्किंग एवं पर्यटन सूचना केंद्र, छोटा रूद्र सागर विकास, रूद्र सागर पैदल पुल, हरिफाटक ब्रिज चौड़ीकरण, महाकाल द्वार व बेगमबाग मार्ग का विकास, चारधाम से त्रिवेणी संग्रहालय मार्ग चौड़ीकरण, रामघाट का विकास।
Published on:
20 Sept 2022 03:20 pm
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