
Ayodhya Ram Mandir
उज्जैन। अयोध्या धाम में श्री राम लला की मूर्ति का सात दिवसीय प्राण-प्रतिष्ठा समारोह मंगलवार को ‘प्रायश्चित एवं कर्मकुटी पूजन’ के साथ शुरू हुआ। भगवान श्री रामलला सरकार को श्री विग्रह के रूप में प्रतिष्ठित करने के लिए कर्नाटक के प्रसिद्ध मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा कृष्णशिला पर निर्मित मूर्ति का वैदिक विधि-विधान से शुद्धिकरण किया गया।
पुजारियों का कहना है कि प्राण-प्रतिष्ठा से पहले कर्मकुटी पूजन का विधान है। इसी के तहत कर्मकुटी में हवन-पूजन हुआ। मूर्ति को पंचगव्य से स्नान कराया गया। मान्यता है कि छेनी-हथौड़ी से तराशते समय मूर्ति को चोट लगती है। प्रभु को आकार देने में कई बार चोट किया जाता है। इसलिए मूर्ति के सम्मुख क्षमायाचना के बाद मूर्ति की आंखों पर पट्टी बांध दी गई।
51 किलो की 5 फीट अगरबत्ती तैयार
एक ओर जहां अयोध्या में तैयारियां तेज हो गई हैं वहीं दूसरी ओर शहर में भी तैयारियां तेज हो गई हैं। उन्हेल रोड स्थित ग्राम सोडंग में 51 किलो की 5 फीट की विशाल अगरबत्ती तैयार की जा रही है, जो 22 जनवरी को शिप्रा के तट रामघाट पर प्रज्ज्वलित की जाएगी। मंदिरों से निकलने वाले फूलों के निर्माल्य का उपयोग करते हुए विशाल अगरबत्ती को तैयार किया जा रहा है।
अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर अर्पिता सिकरवार सहित 3 महिलाओं ने 51 किग्रा की हर्बल अगरबत्ती तैयार की है, जो गाय के गोबर, गाय के घी, चंदन, गूगल, फूलों के निर्माल्य व अन्य सुगंधित पदार्थों से मिलकर बनी है। अगरबत्ती के आसपास 101 दीपक लगाए जाएंगे। वहीं महाकाल मंदिर की चिंतामण जवासिया स्थित लड्डू प्रसाद यूनिट में 5 लाख लड्डू तैयार किए जा रहे हैं। इस दौरान सारा दिन रामधुन बजाई जा रही है।
मंदिर की तरह जगमग होंगे प्रदेश के थाने
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर 22 जनवरी को प्रदेश के थाने भी मंदिर की तरह सजेंगे। कुछ थानों में भजन-कीर्तन किए जाएंगे। प्रदेश के सभी थानों में 18 जनवरी से साफ-सफाई अभियान चलाने के आदेश जारी किए गए हैं।
Published on:
17 Jan 2024 01:40 pm
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