15 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

बाबा महाकाल को बांधी गई सबसे पहली राखी, पगड़ी पहनाकर किया अद्भुत श्रृंगार, लगा सवा लाख लड्डुओं का महाभोग

MP News: सावन माह के अंतिम दिवस पर बाबा महाकाल की विशेष भस्मारती की गई। उन्हें रक्षाबंधन के अवसर पर पहले राखी अर्पित की गई। बताया जा रहा है कि 297 साल में पहली बार रक्षाबंधन के दिन इतने शुभ योग बने है।

less than 1 minute read
Google source verification
Baba Mahakal first Rakhi rakshabandhan special bhasm aarti mahabhog mp news

Baba Mahakal first Rakhi rakshabandhan special bhasm aarti mahabhog (Patrika.com)

MP News:मध्य प्रदेश के उज्जैन नगरी में स्थित महाकालेश्वर मंदिर में भगवान महाकालेश्वर को भस्मारती में पुजारी परिवार के अमर पुजारी द्वारा सवा लाख लड्डूओ का भोग लगाया गया। पंचामृत और जल से स्नान कराने के बाद उनका भव्य श्रृंगार किया गया। बाबा महाकाल को रंगबिरंगी पगड़ी पहनाई गई।

इसके बाद भगवान को भस्म अर्पित की गई। इसके बाद भगवान को पुजारी परिवार द्वारा रक्षाबंधन (Rakshabandhan) के पावन पर्व पर प्रथम राखी बांधी गई। पुजारी धर्मेंद्र शर्मा द्वारा भगवान महाकालेश्वर (Lord Mahakal) को भोग लगाकर आरती पूर्ण की गई।बाबा महाकाल को पहली राखी बांधने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। यह राखी पुजारी परिवार की महिलाएं बांधती है।

महाकाल को लगाया गया लड्डुओं का भोग

आरती के पश्चात महाकाल को 1.25 लाख लड्डुओं का महाभोग अर्पित किया गया। लड्डुओं को 4 दिनों के अंदर 60 डिब्बे देशी घी, 40 क्विंटल बेसन, 40 क्विंटल शक्कर और 25 किलोग्राम सूखे मेवे से बनाया गया है। हलवाई ओम प्रकाश शर्मा ने बताया कि लगभग 100 लोगों ने मिलकर यह प्रसाद तैयार किया।

श्रद्धालुओं को बांटा गया प्रसाद

यह महाभोग श्रद्धालुओं को वितरित किया गया, जो श्रावण मास के उपवास के बाद इस प्रसाद से व्रत खोलते हैं। मंदिर समिति का कहना है कि हिंदू परंपरा के अनुसार सभी मुख्य त्योहारों की शुरुआत बाबा महाकाल के दरबार से ही होती है।

297 सालों में पहली बार बना ऐसा योग

यह अवसर इसलिए भी अद्वितीय था क्योंकि इस वर्ष का रक्षाबंधन 297 वर्षों में पहली बार ऐसे शुभ संयोग में आया, जिसमें भद्रा काल या कोई अशुभ योग नहीं था। इस कारण, यह पर्व पूर्ण रूप से शुभ समय में मनाया गया।