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सावन के तीसरे सोमवार की सवारी : शहर भ्रमण कर लौटे बाबा महाकाल, जयकारों से गूंज उठा दरबार

भूतभावन राजाधिराज महाकालेश्वर की जय-जयकार से गुंजायमान हो उठी अवंतिका नगरी। मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष एवं कलेक्टर मनीष सिंह ने सभामंडप में किया चंद्रमोलीश्वर भगवान का पूजन।

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सावन के तीसरे सोमवार की सवारी : शहर भ्रमण कर लौटे बाबा महाकाल, जयकारों से गूंज उठा दरबार

उज्जैन/ भगवान महाकालेश्वर की श्रावण माह की तीसरी सवारी सोमवार को पूरे ठाठ-बाठ और शाही स्वरूप के साथ में निकाली गई। भगवान महाकाल की जय-जयकार से पूरी अवंतिका नगरी गुंज उठी। सवारी निकलने से पहले मंदिर परिसर स्थित सभामंड़प में महाकाल मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष एवं कलेक्टर आशीष सिंह ने सपरिवार भगवान चंद्रमोलीश्वर की पूजा की। साथ ही, पुलिस अधीक्षक सत्येन्द्र कुमार ने भी चन्द्रमौलीश्वर भगवान का पूजन किया। पूजन पुजारी आशीष शर्मा द्वारा संपन्न कराया गया। इस दौरान ए. एस. पी. अमरेंद्र सिंह , महंत विनीत गिरी, मंदिर समिति की सहायक प्रशासक पूर्णिमा सिं‍गी, मूलचंद जूनवाल आदि उपस्थित थे। पूजन के पश्चात सभी गणमान्यो ने पालकी को नगर भ्रमण की ओर रवाना किया।

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प्रजा का हाल जानने निके महाकाल

भगवान महाकालेश्वर की पालकी जैसे ही मंदिर प्रांगण से होते हुए महाकाल मंदिर के मुख्य द्वार पर पहुंची, वहां सशस्त्र पुलिस बल के जवानों ने पालकी में विराजित भगवान को सलामी दी। सवारी में रजत पालकी में भगवान चन्द्रमोलेश्वर, हाथी पर मनमहेश नगर भ्रमण पर अपनी प्रजा का हाल जानने निकले।


सभामंडप में पुन: पूजन के बाद सवारी का विश्राम

भगवान चन्द्रमौलीश्वर की पालकी मंदिर के मुख्य द्वार से बड़ा गणेश मंदिर के सामने से होते हुए हरसिद्धि मंदिर के समीप से नृसिंह घाट रोड पर सिद्धआश्रम के सामने से निकल कर क्षिप्रातट रामघाट पहुंची। रामघाट पर क्षिप्रा के जल से बाबा महाकाल के अभिषेक-पूजन के पश्चात सवारी रामानुजकोट, हरसिद्धी पाल से हरसिद्धी मंदिर के सामने पहुंची। मॉ हरसिद्धी एवं बाबा महाकाल की आरती के बाद सवारी बड़ा गणेश मंदिर के सामने से होते हुए महाकालेश्वर मंदिर प्रांगण में वापस आ गई। जहां सभामंडप में पुन: पूजन के बाद सवारी का विश्राम हुआ। महाकालेश्वर भगवान का अगली सवारी 16 अगस्त को निकलेगी।

भगवान महाकाल के वैभव, एैश्वर्य और गरिमा की छटा बिखेरते हुए निकली तीसरी सवारी

भगवान महाकाल के वैभव, एैश्वर्य व गरिमा की छटा चारों ओर देखतें ही बन रही थी। सवारी मार्ग रंग बिरंगी पताकाओं एवं छत्रियों और लाल कारपेट से सुशोभित हो रहा था। संपूर्ण मार्ग में चोपदार व तोपची भगवान के आगमन की सूचना देते हुए आगे-आगे चले जा रहे थे। झाडूवाहक चांदी की झाड़ू से मार्ग को स्वच्छ करते हुए चल रहे थे। भगवान के नगर भ्रमण पर ढ़ोलवादक, झांझवादक आदि अपने वाद्यों को बजाते हुए हर्षोंल्लास के साथ अवन्तिका नाथ की भक्ति में लीन दिखाई दे रहे थे।


वातावरण मोहक बनाने के लिए की गई आकर्षक आतिशबाजी

बाबा महाकालेश्वर के नगर भ्रमण के दौरान संपूर्ण मार्ग में फूलों व रंगों की रंगबिरंगी रंगोली, आतिशबाजी, सतरंगी ध्वज, छत्रियां आदि के माध्यम से सजाया गया। सवारी मार्ग को आकर्षक बनाने के लिये आधुनिक सज्जा के उपायों द्वारा सुसज्जित, सुंदर और भव्य बनाया गया। हरसिद्धी मंदिर पर मां हरसिद्धी के द्वार पर बाबा महाकाल और मां की आरती के समय वातावरण मोहक बनाने के लिए आकर्षक आतिशबाजी की गई। मां और बाबा महाकाल के भेंट के दृश्य को देखकर वहां उपस्थित सभी अत्यंत भाव-विभोर होकर उस अमूल्य क्षण का आनंद लेते नजर आए। सवारी के दौरान जरूरी व्यवस्थाओं में लगने वाले अधिकारी-कर्मचारी भी सीमित संख्या में मौजूद थे।

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