21 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

10 स्वरूपों में दर्शन देंगे बाबा महाकाल, श्री चंद्रमौलेश्वर की शाही सवारी कल, जानें व्यवस्थाएं

महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक संदीप कुमार सोनी के अनुसार, भाद्रपद माह की दूसरी और दसवीं सवारी 11 सितंबर 2023 को शाही सवारी के रूप में नगर भ्रमण पर निकलेगी।

2 min read
Google source verification
mahakal shahi sawari

10 स्वरूपों में दर्शन देंगे बाबा महाकाल, श्री चंद्रमौलेश्वर की शाही सवारी कल, जानें व्यवस्थाएं

महाकाल की नगरी उज्जैन में महाकालेश्वर भगवान की श्रावण-भाद्रपद माह में निकलने वाली सवारी के क्रम में दसवें सोमवार यानी 11 सितंबर 2023 को शाम 4 बजे शुरु होगा। इस दौरान भगवान महाकाल की शाही सवारी प्रजा का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकलेगी। इस संबंध में महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक संदीप कुमार सोनी का कहना है कि, भाद्रपद माह की दूसरी और दसवीं सवारी 11 सितंबर 2023 को शाही सवारी के रूप में नगर भ्रमण पर निकलेगी।

इस दौरान रजत पालकी में श्री चन्द्रमौलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव, नंदी रथ पर उमा-महेश और डोल रथ पर होल्कर स्टेट के मुखारविंद, श्री घटाटोप मुखोटा, रथ पर श्री जटाशंकर, श्री रुद्रेश्वर स्वरूप, श्री चन्द्रशेखर स्वरुप और दसवीं सवारी में श्री सप्तधान का मुखारविंद सम्मिलित होगा। भगवान महाकाल की सोमवार को शाही सवारी निकलने से पहले महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में विधिवत भगवान चंद्रमौलेश्वर का पूजन-अर्चन किया जाएगा। इसके बाद राजकीय सम्मान के साथ बाबा महाकाल अपनी प्रजा का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकलेंगे।

यह भी पढ़ें- एक झटके में दबोच लेती है मौत : फर्श पर गिरते ही युवक का खेल खत्म, हैरतंगेज हादसा CCTV में कैद


4 बजे गॉड ऑफ ऑनर से शुरु होगी सवारी

सबसे पहले मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा पालकी पर विराजित भगवान चंद्रमौलेश्वर को सलामी देंगे। चंद्रमौलेश्वर की पालकी अपने निर्धारित समय शाम 4 बजे शुरु होगी, जो कोट मोहल्ला, गुदरी चौराहा, बक्षीबाजार चौराहा, कहार वाड़ी और हरसिद्धीपाल से रामघाट पहुंचेगी। यहां पूजन-अर्चन के बाद रामानुजकोट, बंबई वाले की धर्मशाला, गणगौर दरवाजा, खाती समाज के जगदीश मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, कमरी मार्ग, टंकी चौराहा, तेलीवाड़ा, कंठाल, सतीमाता मंदिर, छत्री चौक, गोपाल मंदिर पर पहुंचेगी। जहां सिंधिया स्टेट द्वारा पररम्परानुसार पालकी में विराजित भगवान चंद्रमौलेश्वर का पूजन होगा। यहां से पटनी बाज़ार, गुदरी चौराहा, कोट मोहल्ला, महाकाल चौराहा होते हुए पालकी मंदिर दोबारा अपने दरबार में लौट आएगी।