उज्जैन. राजाधिराज भगवान महाकाल तीन स्वरूपों में नगर भ्रमण पर निकले, तो दर्शन करके प्रजा भी निहाल हो गई। सावन-भादौ मास की तीसरी सवारी में आस्था का सैलाब उमड़ा। गरुड़ रथ पर बाबा ने शिव-तांडव रूप में दर्शन दिए। पालकी में चंद्रमौलेश्वर तो हाथी पर मनमहेश स्वरूप विराजित रहे। मुख्यमंत्री शिवराजङ्क्षसह चौहान भी सपरिवार तीसरी सवारी में शामिल हुए। मीडिया के सवालों से दूर वे पूरे समय भक्ति-भाव में ही रमे नजर आए।
मुख्यमंत्री ने सवारी में घुमाया डमरू, बजाई झांझ, जमीन पर बैठ किया प्रणाम
गर्भगृह में अभिषेक-पूजन के बाद नंदी हॉल में पत्नी साधना ङ्क्षसह, पुत्र कार्तिकेय व कुणाल के साथ विधिवत पूजन-अर्चन किया और सभी की सुख-समृद्धि व खुशहाली की कामना की। इसके बाद सवारी में विशाल ध्वज पताका थामकर पति-पत्नी दोनों साथ चले। कभी जनता का अभिवादन स्वीकारते, तो कभी झांझ-डमरू हाथ में लेकर बजाने लगते। उनके साथ स्थानीय जनप्रतिनिधि, मंत्री, विधायक आदि कई भाजपा नेता चल रहे थे। गर्भगृह व नंदी हॉल में पूजन अभिषेक शर्मा (बाला गुरु), पुरोहित सुभाष शर्मा ने तो सभा मंडप में पालकी पूजन मुख्य पुजारी पं. घनश्याम शर्मा ने करवाई।
भगवान महाकालेश्वर की तीसरी सवारी धूमधाम से निकाली गई। सवारी निकलने के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज ङ्क्षसह चौहान ने पत्नी साधना ङ्क्षसह के साथ विधि-विधान से भगवान चंद्रमौलेश्वर का पूजन-अर्चन किया एवं सवारी को आगे बढ़ाया। सवारी सभा मण्डप से होकर महाकाल चौराहा एवं गुदरी चौराहा, रामानुजकोट होते हुए रामघाट पहुंची। मुख्यमंत्री चौहान, पत्नी साधना ङ्क्षसह सवारी में पैदल चलकर रामघाट तक पहुंचे। वहां बाबा का शिप्रा के जल से अभिषेक पूजन करने के बाद आरती में शामिल हुए। मार्ग में अन्य भक्तों के साथ मुख्यमंत्री भी शिवभक्ति में लीन नजर आए। उन्होंने भजन मण्डलियों का साथ झांझ बजाकर जयकारे लगाए।
झलकियां
ठ्ठ सोमवार रात ढाई बजे मंदिर के पट खुले, बड़ी संख्या में चलायमान व्यवस्था के तहत भक्तों ने दर्शन लाभ लिया।
ठ्ठ सुबह से लेकर दोपहर तक कावड़ यात्रियों, कलश लेकर आने वाली महिलाओं के अलावा नियमित दर्शनार्थी तथा 84 महादेव दर्शन वाली महिलाओं के जत्थे लगातार आते रहे।
ठ्ठ सभा मंडप में पालकी पूजन के दौरान अति विशिष्ट के आने पर चारों ओर बैरिकेड्स लगाए थे, फिर भी कई जनप्रतिनिधियों की आवाजाही चलती रही।
ठ्ठ उज्जैन के कलाकार बीके पंड्या और उनकी टीम सवारी के आगे आगे रंगोली बनाते चल रही थी।
ठ्ठ ड्रोन कैमरों से पूरे सवारी मार्ग पर नजर रखी गई, साथ ही हर छत पर पुलिस जवान तैनात किए गए।
चलित दर्शन के चलते 40 हजार भक्तों ने की भस्मारती
बाबा की सवारी में करीब ढाई लाख श्रद्धालु शामिल हुए, वहीं महाकाल मंदिर में रात ढाई बजे महाकाल मंदिर के पट खुलने के बाद रात 9 बजे तक 3 लाख 20 हजार ने दर्शन लाभ लिया। सुबह भगवान को भस्म चढ़ाई गई। पंचामृत, अभिषेक पूजन कर भांग, चंदन से राजा स्वरूप दिव्य श्रृंगार किया गया। इसके बाद आरती की गई। भस्म आरती में भी अनुमति वाले तथा बिना परमिशन वाले करीब ४0 हजार भक्तों ने चलित भस्म आरती व्यवस्था से दर्शन किए।
अगली सवारी में उमा-महेश के होंगे दर्शन
चौथी सवारी 31 जुलाई को निलकेगी, जिसमें चांदी की पालकी में श्री चन्द्रमौलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश, गरुड़ रथ पर श्री शिव-तांडव और नन्दी रथ पर श्री उमा-महेश के स्वरूप में विराजित होंगे।
अभी कितनी सवारियां और निकाली जाएंगी
चौथी सवारी 31 जुलाई
पांचवीं सवारी 7 अगस्त
छठी सवारी 14 अगस्त
सातवीं सवार 21 अगस्त
आठवीं सवारी 28 अगस्त
नौवीं सवारी 4 सितंबर
अंतिम शाही सवारी 11 सितंबर