
मयूर वन में तालाब का किनारा और पॉथ-वे के साथ मिलेगा बैडमिंटन व वॉलिबॉल कोर्ट] धीमी गति से चल रहा सात करोड़ का प्रजोक्ट अब अंतिम चरण में पहुंचा
उज्जैन. विशेष संकल्पना के आधार पर विकसित हो रहे मयूर वन में शहरवासियों को आनंद व मनोरंजन के लिए बहुतकुछ मिलेगा। यहां हरियाली और प्राकृतिक सौंदर्य के बीच वॉकिंग ट्रेक उपलब्ध होगा तो वहीं योग और खूबसूरत व्यू के लिए तालाब का किनारा रहेगा। खेल प्रेमियों के लिए मयूर वन में दो बैडमिंटन व एक वॉलिबॉल कोर्ट भी तैयार किए गए हैं। इसके अलावा बच्चों के लिए पूरा किड जोन बनाया गया है। उम्मीद है कि मार्च तक मयूर वन पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगा और शहरवासी इसका आनंद ले सकेंगे।
कोठी रोड स्थित विक्रम वाटिका व आसपास के क्षेत्र में बड़ी संख्या में राष्ट्रीय पक्षी मोर पाए जाते हैं। यहां मोरों का विचरण, पंख फैलाकर उनके नृत्य करने का दृश्य आसानी से देखा जा सकता है। इस क्षेत्र की इसी विशेषता के चलते स्मार्ट सिटी अंतर्गत करीब सात करोड़ रुपए की लागत से पुरानी विक्रम वाटिका को मयूर वन के रूप में विकसित किया जा रहा है। हालांकि कार्य की गति काफी धीमी है जिसके चलते दो वर्ष से अधिक समय बीतने के बाद भी निर्माण पूरा नहीं हो सका है। अब यह कार्य अंतिम दौर में पहुंच सका है और मार्च में इसके पूरा होने की संभावना है। वन में जहां मयूर के लिए आदर्श वातातवरण तैयार किया गया है वहीं शहरवासियों की सुविधा व आमोद-प्रमोद का भी ध्यान रखा गया है। मयूर वन पूरी तरह तैयार होने के बाद यह अपने आर में शहर का अनूठा पार्क होगा।
नाला बायपास, तालाब में रहेगा साफ पानी
विक्रम वाटिका के तालाब में आसपास के ड्रेनेज का पानी भी मिलता था। मयूर वन प्रोजेक्ट में इस नाले को बायपास कर दिया गया है। इसमें दो गेट लगाए गए हैं। एक गेट बंद करने पर नाला बायपास हो जाएगा और ड्रेनेज का पानी तालाब में नहीं मिल सकेगा। बारिश के दिनों में इस गेट को खोल कर दूसरा गेट बंद कर दिया जाएगा इससे बारिश का पानी तालाब में मिल सकेगा। इस तरह तालाब में बारिश का साफ पानी जमा किया जाएगा जो लगभग पूरे वर्ष उपलब्ध रहेगा। बारिश में ओव्हरफ्लो का भी प्रावधान किया गया है। तालाब में नौका विहार होगा या नहीं, फिलहाल तय नहीं है।
यह मिलेगा मयूर वन में
प्रवेश द्वार- मोर की आकृति का भव्य प्रवेश द्वार बनाया जा रहा है। इसका निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। रैंप व फिनिशिंग वर्क प्रचलित है।
टॉयलेट ब्लॉक- गेट के नजदीक ही जनसुविधा के लिए महिला-पुरुष के टॉयलेट ब्लॉक बनाए गए हैं।
पाथ-वे- पार्क में चलने के लिए पॉथ-वे बनाया गया है। इसका निर्माण लगभग पूरा हो चुका है।
भुलभुलैया- प्रवेश के द्वार के पीछे भुलभुलैया बनायी है। यह शहर की पहली वास्तविक भुलभुलैया होगी जो बच्चों के साथ बड़ों के लिए भी रोमांचक होगी। इसका निर्माण हो चुका है और अभी इसमें लगी बेलें व पौधे घने हो रहे हैं।
किड्स प्ले एरिया- भुलभुलैया के नजदीक किड्स प्ले एरिया विकसित किया है। यहां रेती का मैदान बनाया गया है। यह भी लगभग तैयार है। इसी में छोटा आेपप थिएटर बनाया है जहां बच्चे अपनी कला की प्रस्तृति दे सकेंगे।
प्लाजा- नजदीक प्लाजा बनाया है। इसमें आकर्षक फाउंटन लगाया गया है। ८ कॉलम खड़े किए हैं जिन पर मोरों की प्रतिमा बनाई गई है। यह सेल्फी पाइंट भी रहेगा है।
इंटरपीटिशन सेंटर- तालाब के सामने इंटरपीटिशन सेंटर बनाया गया है। यह प्रदर्शनी के उपयोग में आएगा।
डेक एरिया- तालाब के एक किनारे पर डेक एरिया बनाया गया है। भुलभुलैया की तरह यह भी इस वन का सबसे आकर्षक स्थान होगा। डेक एरिया में भूतल पर योग कर सकते हैं। साथ ही सिटिंग एरिया है। पहली मंजिल पर देवदार की वुड फ्लोरिंग की गई है। यहां से तालाब का आकर्षक व्यू मिलता है। साथ ही यह सेल्फी पाइंट भी है। डेक एरिया का निर्माण भी लगभग पूरा हो चुका है।
जॉगिंग ट्रेक- तालाब के नजदीक जॉगिंग ट्रेक बनाया है। इसे मुरर्म की लेयर बिछाकर सामान्य ही रखा गया है ताकि बारिश में भी इसका उपयोग हो सके।
बैडमिंटन व वॉलिबॉल कोट- प्लाजा के सामने पार्र्किंग के नजदीक बैडमिंटन के दो कोट तैयार किए गए हैं। इसके साथ ही वॉलिबॉल का एक कोट बनाया गया है।
कार पार्र्किंग- पीछे के क्षेत्र में पाथ-वे के नजदीक कार पार्र्किंग एरिया बनाया गया है। इसका निर्माण भी लगभग हो चुका है।
लैंड स्केपिंग- खाली जगह पर हरियाली विकसित की गई है। जगह-जगह घास लगाई गई हैं वहीं आकर्षक पौधे भी लगाए हैं।
Published on:
07 Feb 2022 10:45 am
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