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उज्जैन की नृत्यांगनाओं ने इस तरह की मां सरस्वती की वंदना

बसंत पंचमी पर नृत्यांगनाओं ने किया कला का प्रदर्शन, प्रतिभा संगीत कला संस्थान द्वारा किया गया सांस्कृतिक आयोजन, दर्शकों ने ऑनलाइन देखा

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The dancers of Ujjain worshiped Mother Saraswati like this

बसंत पंचमी पर नृत्यांगनाओं ने किया कला का प्रदर्शन, प्रतिभा संगीत कला संस्थान द्वारा किया गया सांस्कृतिक आयोजन, दर्शकों ने ऑनलाइन देखा

उज्जैन. बसंत पंचमी के उपलक्ष्य में शनिवार को प्रतिभा संगीत कला संस्थान में सरस्वती पूजन व सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता गुरु पद्मजा रघुवंशी ने की। सरस्वती पूजन के बाद संस्थान की नृत्यांगनाओं ने शास्त्रीय कथक नृत्य पर आधारित प्रस्तुतियां दी। वैदेही पंड्या ने गणेश वंदना प्रस्तुत की वहीं सारा शर्मा, कृति भावसार, लोशिका मुद्रा, यशस्वी मेहर, सानिका साठे, इशानी भट्ट, रूपल जैन,फाल्गुनी नंदलाल, समृद्धि झा ने सरस्वती वंदना की प्रस्तुति दी।

संस्थान की निदेशक व कथक नृत्यांगना इंजीनियर प्रतिभा रघुवंशी एलची ने ताल झपताल में सरस्वती परण प्रस्तुत की। संस्थान की शिष्या प्रतिष्ठा पाराशर, दिविजा जैन, सेजल जैन और चारुल जोशी ने काव्यपाठ किया। कार्यक्रम को फेसबुक लाइव के माध्यम से प्रसारित किया गया जिसे देश दुनिया के दर्शकों ने देखा और सराहा। कार्यक्रम में विशेष रूप से जिला कोविड नोडल अधिकारी डॉ. रौनक एल्ची, संस्थान में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे शिष्य और उनके अभिभावक उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन और आभार संस्थान की निदेशक अंतरराष्ट्रीय कथक नृत्यांगना प्रतिभा रघुवंशी एल्ची ने किया।

कला प्रेमियों ने ऑनलाइन देखा आयोजन

कोरोना महामारी के दौर में आयोजन को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफार्म का बेहतर सदुपयोग किया गया। आयोजकों ने पूरे कार्यक्रम को फेसबुक पर सीधा प्रसारित किया। इसके जरिए देश ही नहीं विदेश से भी कई दर्शक कार्यक्रम से जुडे़ और इसका आनंद लिया। कई कला प्रेमियों ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कलाकारों को प्रोत्साहित किया।

शहर में रहा बसंत पंचमी का उल्लास

शहर में धूमधाम से बसंत पंचमी का पर्व मनाया गया। इस अवसर पर अन्य स्थानों पर विभिन्न आयोजन हुए वहीं शहर के प्रमुख मंदिरों की भी विशेष साज-सज्जा की गई। मंदिरों में सरसों के फुल अर्पित किए गए वहीं विद्यार्थियों ने भी मां सरस्वति का पूजन-अर्च किया। इस दिन कई लोगों ने पीले वस्त्र पहने तो कई घरों में पीला भात बनाया गय