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महाकाल को भेंट चढ़ाने में भक्त आगे, मंदिर का कैशलेस दान एक वर्ष में दोगुना

महाकाल के श्रद्धालुओं को भेंट के लिए नकद राशि ले जाने की आवश्यकता नहीं रहें, इसके लिए मंदिर समिति के ऑनलाइन दान सुविधा दी जाती है।

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उज्जैन. महाकाल के श्रद्धालुओं को भेंट के लिए नकद राशि ले जाने की आवश्यकता नहीं रहें, इसके लिए मंदिर समिति के ऑनलाइन दान सुविधा दी जाती है। इसके माध्यम से बाबा को भेंट चढ़ाने में भक्त अधिक रुचि लेने लगे हैं। यह अन्दाज इस आंकड़े से लगाया जा सकता है कि महाकाल के खाते मेंं कैशलेस दान एक वर्ष में दोगुना हो गया है। महाकाल मंदिर में दान की राशि के लिए दानपात्र तो है मंदिर समिति द्वारा ऑनलाईन ई-बैंकिंग, एटीएम/डेबिट और के्रडिट कार्ड और पेटीएम से दान प्राप्त किया जा जाता है। इस व्यवस्था से दान देने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। कैशलेस सिस्टम से दान की राशि भी बढ़ गई है। कैशलेस से मंदिर के खाते में गत १२ माह में २२ लाख ११ हजार ५८६ रु प्राप्त हुए हैं, जो पूर्व के १२ माह की तुलना में करीब दोगुने हैं।

पहला देव स्थान
गौरतलब है कि महाकालेश्वर मंदिर मालवा-निमाड़ क्षेत्र में ऐसा पहला देव स्थान है, जहां पेटीएम से भी दान की राशि ली जाती है। वैसे मंदिर में ऑनलाइन दान की व्यवस्था पूर्व से ही चल रही थी। सात माह पूर्व मंदिर समिति ने श्रद्धालुओं को भेंट के लिए नकद राशि ले जाने की आवश्यकता नहीं रहे, इसके लिए मंदिर समिति ने ऑनलाइन दान के लिए एक और सुविधा प्रारंभ की थी। महाकालेश्वर मंदिर समिति ने कैशलेस दान लेने के लिए एटीएम/डेबिट और के्रडिट कार्ड से मंदिर में राशि अर्पण करने की सुविधा के बाद पेटीएम से दान राशि प्राप्त करना प्रारंभ किया था। इसके लिए मंदिर समिति ने पेटीएम से बार कोड प्राप्त किया है। बार कोड को अपने मोबाइल से स्कैन कर श्रद्धालु श्रद्धानुसार राशि दान कर सकता है। इसे राशि सीधे महाकाल मंदिर के खाते में जमा हो जाएगी।

कैसलेश दान पर नजर
०१ नवंबर २०१५ से ३१ अक्टूबर २०१६ तक १२ लाख ४६ हजार ६१५ रु.
०१ नवंबर २०१६ से ३१ अक्टूबर २०१७ तक २२ लाख ११ हजार ५८६ रुपए।

सरकारी सिस्टम में दौड़ी कैशलेस क्रांति
सरकारी विभागों के ढर्रे में कैशलेस की क्रांति दौड़ पड़ी है। नोटंबदी के बाद से देश में डिजिटल पैमेंट को लेकर आई जागरुकता ने दफ्तरों को भी अपडेट कर दिया है। प्रशासनिक काम, नगर निगम, विकास प्राधिकरण, महाकाल मंदिर, पीएचई, आरटीओ समेत अन्य शासकीय विभागों में कैशलेस ट्रांजेक्शन की सुविधा मुहैया है। लोगों में बदलाव आया है वे अब नकद लेनदेन की बजाय डिजिटल भुगतान को अपना रहे हैं।

पत्रिका ने हम कितने कैशलेस हुए, इसकी खाक छानी तो लगभग सभी विभागों में ये सुविधा सहज उपलब्ध मिली। बावजूद इसके भी जहां नकदी विकल्प है वहां ५० प्रतिशत से अधिक लोग नकद में ही लेनदेन करते हैं। जहां केवल ऑनलाइन पैमेंट सिस्टम है, वहीं शत-प्रतिशत उपयोग होता है। कैशलेस ट्रांजेक्शन सुविधाजनक होने के साथ सुरक्षित व बदलते समय के अनुुकुल है।

सब में डिजिटल सुविधा
नगर निगम के कामकाजों में तेजी से डिजिटल पैमेंट सुविधा का विस्तार हुआ। नक्शा फीस, प्रॉप्रर्टी टैक्स, पेयजल भुगतान से लेकर अन्य जरूरी रकम ऑनलाइन व पीओएस मशीन से जमा हो जाती है। निगम के सभी जोन में इसके जरिए भुगतान की सुविधा है। वहीं से हाथोहाथ रसीद भी मिल जाती है। जन्म-मृत्यु पंजीयन फॉर्म, राशन कार्ड व अन्य छोटे का के फॉर्म लेने ये सुविधा नहीं है। ५ से ४० रुपए तक के ये फॉर्म नकद में ही खरीदना होते हैं, लेकिन जब इन्हें सबमिट करना हो तो शुल्क ऑनलाइन की जमा होता है। निगम व पीएचई में सभी बड़े ट्रांजेक्शन कैशलेस होते है।