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उज्जैन. महाकाल शिवलिंग क्षरण रोकने के विभिन्न उपायों के बीच मंदिर समिति ने महाकाल के अभिषेक-पूजा में चढ़ाए जाने वाला कुमकुम, अबीर-गुलाल के बाजार से खरीदकर लाने पर रोक लगा दी है। मंदिर समिति की ओर से हर्बल पूजा सामग्री खरीद कर पुजारी-पुरोहित को उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए काशी सहित अन्य स्थानों से प्रस्ताव मांगे जा रहे हैं।
मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पंडे-पुजारियों के माध्यम से अभिषेक-पूजा आदि करवाते हैं। इसमें बाजार के कुमकुम, अबीर, गुलाल सहित कई सामग्रियों का उपयोग किया जाता था। इसकी गारंटी नहीं होती कि सामग्री 100 फीसदी शुद्ध या केमिकल रहित है। इस तरह की पूजन सामग्री से शिवलिंग क्षरण की आशंका को देखते हुए महाकाल मंदिर समिति ने महाकाल में अभिषेक-पूजा में चढ़ाए जाने वाला अबीर-गुलाल के बाहर से लाने पर रोक लगा रखी है।
मंदिर समिति करेगी इंतजाम
बाहर की पूजन सामग्री पर रोक के बाद महाकाल मंदिर प्रबंध समिति प्रतिष्ठित संस्थाओं से हर्बल कुमकुम, गुलाल, अबीर और अष्टगंध जैसी पूजा सामग्री खरीदकर मंदिर के कोठार-काउंटर से विक्रय करेगी। समिति ने निर्णय लिया है कि ऑनलाइन प्रस्ताव बुलाकर हर्बल पूजा सामग्री क्रय की जाएगी।
क्षरण रोकने में कारगर साबित होगा हर्बल
मंदिर की ओर से होने वाली पूजा में हर्बल कुमकुम, गुलाल, अबीर और अष्टगंध का पहले से उपयोग हो रहा है। इसमें पूजन सामग्री कम ही लगती है। ऐसे मंदिर समिति की ओर से इसका प्रबंध होता था। आम श्रद्धालु के अभिषेक पूजन में बाहर की सामग्री का अधिक उपयोग होता था। अब बाहर की सामग्री पर पूर्ण रोक के बाद पंडे-पुजारियों द्वारा आम श्रद्धालुओं के लिए कराए जाने वाले अभिषेक-पूजा आदि में भी हर्बल सामग्री इसका उपयोग लागू किया जा रहा है, इसलिए हर्बल सामग्री के प्रस्ताव मांगे गए हैं। मंदिर समिति के प्रशासक प्रदीप सोनी ने बताया कि हर्बल सामग्री की व्यवस्था प्रायोगिक तौर पर लागू करने के लिए सामग्री काशी से मंगवाई है। कंपनी के लोगों ने यहां आकर इसका डेमो भी दिया। सोनी ने बताया शिवलिंग के क्षरण रोकने संबंधी किए जा रहे प्रयास में हर्बल पूजन सामग्री कारगर साबित होगी।
Published on:
09 Nov 2017 12:39 pm
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