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@NAGA WAY: जानिए अब क्यों आसान नहीं रहेगा चेले नागा का जीवन

9 मई हो होगी खूनी नागा की संस्कार की दीक्षा, सिं हस्थ महापर्व में आए शैव संप्रदाय के अखाड़ों की विभिन्न मढिय़ों में गुरु-चेला बनाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।

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Lalit Saxena

Apr 26, 2016

Chela made cut top, blew spells

Chela made cut top, blew spells

उज्जैन. नौ मई को चेले को संस्कार दीक्षा अखाड़े के आचार्य पीठाधीश्वर देंगे। इसके पहले चेले को कई कठिन तपस्याओं से गुजरना होगा। सोमवार को चेला बनाने के बाद उसे जीवन भर गुरु की थाली में ही भोजन प्रसादी करना होगी। गुरु की सेवा से लेकर आश्रम के कार्य करना होंगे।

संन्यासी दीक्षा की प्रथम सीढ़ी चढऩे के बाद अजयगिरि को पंच गुरु ने बैठकर संप्रदाय के नियम और कानून के बारे में बताया। महंतगण ने चेले को बताया कि संन्यास जीवन का मार्ग कठिन होता है। इसमें तप साधना से लेकर गुरु का आदेश ही शिष्य के लिए सर्वमान्य होता है।

पंच गुरु ने मंत्र फूंक बनाया चेला
संन्यास जीवन में प्रवेश करने के लिए सबसे पहले पंचगुरु ने चेले के कान में मंत्र फूंक वस्तुएं भेंट कि, जिसमें सबसे पहले मुख्य गुरु खड़ेश्वरी महंत जयगिरि ने चेले प्रेम कटारी से चोटी का उसे चोटी मंत्र दिया। इसके बाद भभूत गुरु थानापति परमानंद सरस्वती ने कान में मंत्र फूंक भभूत दी।

इसके बाद लंगोटी गुरु अष्टकौशल महंत देवराजपुरी ने लंगोट पहनाई फिर भगवा गुरु संतोषगिरि ने भगवा पहनाया। आखरी में रूद्राक्ष गुरु बलराजगिरि ने रूद्राक्ष देकर गुरु की सेवा करने का संकल्प दिलवाया। इस तरह तीन साल की सेवा करने के बाद अजयगिरि को गुरु ने चेले के रूप में स्वीकार कर सेवा का मौका दिया।

ब्रह्मचार्य का पालन: गुरु द्वारा चेले को बताया जाएगा कि संन्यास जीवन में ब्रह्मचर्य का पालन करना अनिवार्य होगा। इसके बाद गुुरु चेले की परीक्षा भी लेंगे, उसके स्वनियंत्रण को परखेंगे।

भगवा वस्त्र: चेले को बताया जाएगा की गुरु द्वारा दिया गया भगवा ही अब उसका वस्त्र होगा। दीक्षा के बाद वह नागा संन्यासी बनेगा। तब इसका त्याग कर सकता है। यह संकल्प दीक्षा के समय उसकी इच्छा से लिया जा सकता है।

गुरु मंत्र का जप: संन्यासी जीवन में आने के बाद नित्य सुबह-शाम पंच गुरु के मंत्रों का जप करना होगा। अखाड़े की पंरपरा देवताओं के मंत्र से लेकर दशनाम मंत्रों का भी शिक्षा दी जाएगी।

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